गांधी की 150वीं जयंतीः बापू की जिंदगी में 5 महिलाओं का रहा खास स्थान, किसी को नागिन, किसी को प्यारी पागल व बागी कहते थे

By जोयिता भट्टाचार्या | Published: October 2, 2019 06:34 AM2019-10-02T06:34:20+5:302019-10-02T06:34:20+5:30

गांधी के करीब कुछ ऐसे लोग भी रहें जिन्हें शायद ही कुछ लोग जानते हैं। हम आपको इनमें कुछ ऐसी महिलाओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जो मोहनदास करमचंद गांधी के बेहद करीबी रहें।

mahatma gandhi jayanti 2019 special untold story in hindi 5 female name who was special in his life | गांधी की 150वीं जयंतीः बापू की जिंदगी में 5 महिलाओं का रहा खास स्थान, किसी को नागिन, किसी को प्यारी पागल व बागी कहते थे

गांधी की 150वीं जयंतीः बापू की जिंदगी में 5 महिलाओं का रहा खास स्थान, किसी को नागिन, किसी को प्यारी पागल व बागी कहते थे

Highlightsभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष रह चुकी सरोजनी नायडू महात्मा गांधी के काफी करीब थीं1934 में हुई पहली मुलाकात के बाद गांधी और राजकुमारी अमृत कौर ने एक-दूसरे को सैकड़ों खत भेजे

महात्मा गांधी की तस्वीरों पर गौर करने पर अक्सर आपने उनके आस-पास भीड़ को देखा होगा। इस भीड़ में कुछ ऐसे लोगों के नाम है जिन्हें भारत का हर नागरिक जानता है। इनमें जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल और कस्तूरबा गांधी शामिल हैं।

लेकिन गांधी के करीब कुछ ऐसे लोग भी रहें जिन्हें शायद ही कुछ लोग जानते हैं। हम आपको इनमें कुछ ऐसी महिलाओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जो मोहनदास करमचंद गांधी के बेहद करीबी रहें।

मेडेलीन स्लेड उर्फ मीराबेन, 1892-1982

मेडेलीन ब्रिटिश एडमिरल सर एडमंड स्लेड की बेटी थीं। इनकी जिंदगी काफी अनुशासन में गुजरी थीं। गांधी पर लिखी रोमैन की बायोग्राफी ने मेडेलीन को काफी प्रभावित किया। गांधी का प्रभाव मेडेलीन पर इस कदर रहा कि उन्होंने गांधी के आदर्शों पर चलने की ठान ली।

गांधी से अपनी पहली मुलाकात को मेडेलीन ने कुछ यूं बयां किया, 'जब मैं वहां दाखिल हुई तो सामने से एक दुबला शख्स सफेद गद्दी से उठकर मेरी तरफ बढ़ रहा था. मैं जानती थी कि ये शख्स बापू थे। मैं हर्ष और श्रद्धा से भर गई थी,मुझे बस सामने एक दिव्य रौशनी दिखाई दे रही थी. मैं बापू के पैरों में झुककर बैठ जाती हूं. बापू मुझे उठाते हैं और कहते हैं- तुम मेरी बेटी हो। मेडेलिन और महात्मा के बीच इस दिन से एक अलग रिश्ता बन गया। बाद में मेडेलिन का नाम मीराबेन पड़ गया।

निला क्रैम कुक, 1972-1945

निला क्रैम को आश्रम में लोग निला नागिनी कहकर पुकारते थें। खुद को कृष्ण की गोपी मानने वाली निला माउंटआबू में एक स्वामी के साथ रहती थीं। निला का जन्म अमेरिका में हुआ था जिन्हें मैसूर के राजकुमार से इश्क हुआ। निला ने साल 1932 में गांधी जी को बंगलुरु में खत लिखा था। इस खत में उन्होंने छुआछुत के खिलाफ किए जा रहे कामों के बारे में लिखा था।

उसके अगले साल फरवरी 1933 में निला की मुलाकात यरवडा जेल में गांधी से हुई। गांधी ने निला को साबरमती आश्रम भेज दिया,जहां कुछ वक्त बाद निला को आश्रम जैसे एकांत माहौल में फिट होने में मुश्किल होने लगी। ऐसे में वो एक दिन आश्रम से भाग गई। बाद में एक दिन वो वृंदावन में मिली थी।

सरला देवी चौधरानी (1872-1945)

सौम्य सी नजर आने वाली सरला देवी को संगीत और लेखन में गहरी रुचि थी। सरला रविन्द्रनाथ टैगोर की भतीजी थीं। महात्मा गांधी लाहौर में सरला के घर में ही रुके थे। ये वो समय था, जब सरला के स्वतंत्रता सेनानी पति रामभुज दत्त चौधरी जेल में थे। दोनों एक-दूसरे के काफी करीबी रहें।

गांधी सरला को अपनी आध्यात्मिक पत्नी बताते थे। बाद के दिनों में गांधी ने ये भी माना कि इस रिश्ते की वजह से उनकी शादी टूटने से बची।

सरोजिनी नायडू (1879-1949)

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष रह चुकी सरोजनी नायडू महात्मा गांधी के काफी करीब थीं। गांधी की गिरफ्तारी के बाद नमक सत्याग्रह की अगुवाई सरोजिनी के कंधों पर थी। सरोजिनी और गांधी की पहली मुलाकात लंदन में हुई थी।

इस मुलाकात के बारे में सरोजिनी ने कुछ यूं बताया था, ''एक छोटे कद का आदमी, जिसके सिर पर बाल नहीं थे। जमीन पर कंबल ओढ़े ये आदमी जैतून तेल से सने हुए टमाटर खा रहा था। दुनिया के मशहूर नेता को यूं देखकर मैं खुशी से हंसने लगी। तभी वो अपनी आंख उठाकर मुझसे पूछते हैं, 'आप ज़रूर मिसेज़ नायडू होंगी। इतना श्रद्धाहीन और कौन हो सकता है? आइए मेरे साथ खाना शेयर कीजिए।'' इस तरह इन दोनों के रिश्ते की शुरुआत हुई।

राजकुमारी अमृत कौर (1889-1964)

शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाली राजकुमारी पंजाब के कपूरथला के राजा सर हरनाम सिह की बेटी थी। राजकुमारी अमृत कौर ने इंग्लैंड से पढ़ाई की थी। अमृत कौर को गांधी की सबसे करीबी सत्याग्रहियों के रुप में गिना जाता था। 1934 में हुई पहली मुलाकात के बाद गांधी और राजकुमारी अमृत कौर ने एक-दूसरे को सैकड़ों खत भेजे। गांधी राजकुमारी अमृत कौर को लिखे खत की शुरुआत 'मेरी प्यारी पागल और बागी' लिखकर करते और खत के आखिर में खुद को 'तानाशाह' लिखते।

Web Title: mahatma gandhi jayanti 2019 special untold story in hindi 5 female name who was special in his life

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