स्वतंत्रता दिवस 2022: आजादी के 75 साल पूरे होने पर खुद को आजाद करें इन 5 गलत आदतों से
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 15, 2022 06:43 AM2022-08-15T06:43:57+5:302022-08-15T06:43:57+5:30
देश की आजादी मिले 75 साल का वक्त गुजर गया है। हम अंग्रेजों की गुलामी से स्वतंत्र हो चुके हैं लेकिन कुछ खास तरह की गुलामी हमारे मन और शरीर को आज भी अपने गिरफ्त में लिये हुए है। आइये ऐसे ही 5 बुरी आदतों से खुद को आजाद करें।
साल 2022 में देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। 75 साल पहले देश के रणबांकुरों ने जंग-ए-आजादी के ख्वाब को हकीकत में बदला था। अंग्रेजी गुलामी की दास्तां और अत्याचार के जंजीरों से बंधे इस देश ने 15 अगस्त 1947 की सुबह में आजादी का सूरज देखा था।
14 अगस्त की रात जब पूरी दुनिया सो रही थी तो आधी रात को भारत जग रहा था। देश की जनता अत्याचार और अन्याय से मुक्त होकर अपने लोकतंत्र को पाने का जश्न मना रही थी। हालांकि, 75 साल का वक्त गुजर गया अंग्रेजों को हिदुस्तान की सीमा से भागे हुए। हम आजाद तो हैं लेकिन साथ ही अपनी कुछ बुरी आदतों के गुलाम भी हैं।
हमारे भीतर की वो गुलामी हमें शारीरिक और मानसिक तौर पर नुकसान पहुंचा रही है लेकिन अमूमन हम उसे अनदेखा कर देते हैं। अब जब हम आजादी के 75 साल का जश्न मना रही रहे हैं तो ऐसे में क्यों न हम अपनी उन आदतों पर भी गौर करें जो हमें कमजोर कर रही हैं और अगर हम कमजोर हुए तो इस देश की नींव भला किस तरह से मजबूत होगी।
तो आइए इस स्वतंत्रता दिवस उन सभी आदतों से खुद को आजाद करें, जो हमारे रोजमर्रा के जीवन को गुलामी की जंजीरों में बांधे हुए हैं। अगर हम अपनी 5 बुरी आदतों पर हम काबू पा लेते हैं और उन्हें रोजमर्रा की जिंदगी से दूर कर देते हैं तो सच मानिये हमारा दिल भी झूम उठेगा खुशी से।
तो आइये गौर करें उन 5 बुरी आदतों पर
1. बंद कर दें लाउड म्यूजिक, मिलेगी अच्छी सेहत
हमारी चकाचौंध भरी जिंदगी में लाउड म्यूजिक का दखल इतना ज्यादा हो गया है कि कानफोड़ू संगीत की कर्कश ध्वनि हमें कई रोगों की जद में ला देती है। अक्सर सफर के दौरान, व्यायाम के दौरान, जिम में या फिर बिस्तर पर सोते समय हम हेडफ़ोन के स्पीकर को कान के पास इस कदर लगाये रखते हैं, जैसे यही आधुनिक जीवन का राम बाण है।
लेकिन तेज संगीत और म्यूजिक के शोर न केवल हमारे कान के पर्दों पर असल डालते हैं बल्कि ये मस्तिष्क पर बी बेहद प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। आज का तेज संगीत कल के लिए भारी परेशानी का सबब बन सकता है। अखिर क्यों इतना तेज संगीत सुनकर बहरेपन को न्योता दिया जाए।
आज ही प्रण लीजिए कि घातक तेज म्यूजिक को अपनी जिंदगी से दूर करेंगे। याद रखिये संगीत सुनने का असल मकसद सुकून और दिल-ओ-दिमाग को राहत पहुंचाना होता है न कि बीमारियों को बुलावा देना होता है।
2. कम पानी पीना
पानी हमारे शरीर की संरचना का महत्वपूर्ण घटक है। याद रखिये पानी की जरूर केवल हमारे जीभ को नहीं होती, जब वो सूखती है। पल-पल जीवन गुजरते जीवन के लिए पानी सबसे ज्यादा जरूरी है। उम्मीद है इस बात से आप भी इत्तेफाक रख रहे होंगे।
सोचिए जरा, इस बात को जानते हुए भी अधिकांश लोग पानी को भी अनदेखा करते हैं। याद रखिये हर दिन 8 से 10 गिलास पानी पीना बेहद आवश्यक है। पानी की निर्जलीकरण से मन और मस्तिष्क पर बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
शरीर में पानी की कमी के कारण बदहजमी, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याओं के साथ-साथ लिवर और किडनी पर भी गंभीर असर पड़ सकता है। इस बात को गांठ बांध लें कि मनुष्य का शरीर लगभग 80 फीसदी पानी के कारण ही भागता-दौड़ता है। इसलिए तन और मन को निरोग बनाने के लिए प्रतिदिन ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करें।
3. फास्ट फूड को सख्ती से ना कहें
हमारी रोज की भागती-दौड़ती जिंदगी में खाने की हैबिट को लेकर बड़ा बदलवा आया है। खासकर मेट्रो शहरों में तो फास्ट फूड का कल्चर इस कदर पैर फैला चुका है कि आदत या मजबूरी के कारण लगभग हर शहरवासी सैकड़ों तरह के जंक फूड के गुलाम हो चुके हैं। जीभ का स्वाद और फटाटफट की आदत के कारण हम अक्सर ऐसे खाने को तरजीह दे रहे हैं, जो गले के नीचे शरीर को किसी कबाड़ाखाने में बदले के लिए दिन-रात लगे रहते हैं।
जेब की किफायत और कम समय में उपलब्ध होने वाले इन फूड के कारण हम न केवल अपनी पारंपरिक भोजन व्यवस्था से दूर हो रहे हैं बल्कि कई रोगों की आसान शिकार भी बन रहे हैं। याद रखिये की पैक्ड फूड पेट को पल दो पल के लिए तो भर देते हैं लेकिन लंबे दौर के लिए इतने घातक हैं कि इतना मान कर चलिये कि आप हर रोज बीतने वाली सांस के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
फास्ट फूड के कारण बदहजमी, ब्लड शूगर, ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारी हो सकती है। आज ही प्रण लें कि अपनी जिंदगी से इस फास्ट फूड की बला को बेदखल करके नियमित भोजन को जगह देंगे और जीवन की स्वतंत्रता को भी लंबा बनाएंगे।
4. कम नींद लेना
अच्छी नींद से न केवल तन को स्वस्थ्य बनाता है बल्कि इससे मन को भी सुकून मिलता है। शरीर का विज्ञान कहता है कि स्वास्थ्य शरीर को बनाये रखने के लिए कम से कम 8 से 9 घंटे की अच्छी नींद लेनी चाहिए। लेकिन जरा सोचिए कि आप कब सोए थे 8 से 9 घंटे? दरअसल रोजमर्रा की भागम-भाग जिंदगी और तरह-तरह की व्यस्ताओं के कारण चैन की नींद तो लगभग गायब ही हो गई है।
याद रखिये जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए, दिमाग और दिल को तंदरुस्त रखने के लिए पर्याप्त नींद लेना बेहद जरूरी होता है। इसके कारण शरीर के अंगों को कई तरह से लाभ पहुंचता है। इम्यून सिस्टम और डाइजेशन को सही रखने के साथ-साथ आप काम को पूरी क्षमता के साथ कर सकेंगे।
कम नींद या अनिद्रा आपको डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसे गंभीर बीमारी की चपेट में भी ले सकता है। चाहते हैं शरीर से इन बीमारियों को दूर रखना तो आज से ही लीजिए भरपूर मात्रा में नींद।
5. घातक चाय और कॉफी से मुंह फेर लीजिए
चाय या कॉफी दैनिक जीवन का ऐसा हिस्सा है, जिसके न होने की कल्पना मात्र से कई लोगों का दिन खराब हो जाता है। सोचिए सुबह से लेकर शाम तक केवल इस आदत के कारण आप अपने शरीर का कितना नुकसान पहुंचा रहे हैं। चाय और कॉफी में पायी जाने वाली कैफीन आपको एक पल के लिए तरो-ताजा तो करती है लेकिन लंबे समय में यही आपकी अच्छी नींद में खलल डालती है।
चाय और कॉफी की अधिकता से गुस्सा, सिरदर्द और डिप्रेशन भी हो सकता है। यदि आप रोजाना अधिक चाय और कॉफी का सेवन कर रहे हैं तो अनिद्रा, पाचन और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्या आपको अपनी गिरफ्त में ले सकती है।
याद रखिये चाय या कॉफी आपको कुछ क्षण के लिए जोश दे सकते हैं लेकिन लंबे समय तक लेने के कारण यही आपका होश छीन भी सकते हैं। चाहते हैं आजादी के जश्न को यादगार बनाना तो आज से ही चाय या कॉफी को अपनी जिंदगी से निकाल बाहर करें।