राजस्थान में आज सचिन पायलट पर होगी नजर, पिता की पुण्यतिथि पर क्या करेंगे कोई बड़ा सियासी ऐलान?
By विनीत कुमार | Published: June 11, 2023 08:52 AM2023-06-11T08:52:44+5:302023-06-11T08:56:32+5:30
राजस्थान में कांग्रेस के लिए सियासी गर्मी और तेज होती जा रही है। सचिन पायलट को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है कि वे आज अपने पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं।
जयपुर: सचिन पायलट क्या इस साल राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कोई बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं? मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लंबे समय से चले आ रहे विवाद के बीच सचिन पायलट का इस विधानसभा चुनाव से पहले क्या कदम रहेगा, इसकी चर्चा जोरों पर है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि आज अपने पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि के मौके पर सचिन पायलय कोई अहम निर्णय ले सकते हैं।
दरअसल, ऐसी अटकलें है कि सचिन पायलट राजस्थान चुनाव से पहले कांग्रेस से अलग होने और एक नई पार्टी बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। सचिन पायलट आज दौसा में अपने पिता को श्रद्धांजलि देंगे और इस मौके पर वहां बड़ा कार्यक्रम रखा गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि वे आज अपने राजनीतिक भविष्य पर कुछ महत्वपूर्ण घोषणा कर सकते हैं। हालांकि, ये बात भी सच है कि सचिन पायलट अपने पिता की पुण्यतिथि पर पिछले दो दशकों से श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित करते आ रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस की ओर से इस हर साल आयोजित होने वाला कार्यक्रम ही बताया जा रहा है।
पायलट की चुप्पी...मीडिया से भी दूरी
कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता पायलट के पार्टी बाहर निकलने की बात को अटकलबाजी बता रहे हैं और ऐसी चर्चाओं को दबाने की पुरजोर कोशिश भी हो रही हैं। पायलट ने खुद पिछले कुछ दिनों में अपने अगले कदम को लेकर सस्पेंस बढ़ाते हुए मीडिया से दूरी बना ली है।
वहीं, दौसा के विधायक और राज्य के मंत्री मुरारीलाल मीणा जो पायलट के करीबी भी माने जाते हैं, उन्होंने भी इसे अटकलबाजी करार दिया और दावा किया कि 'इस साल कुछ खास नहीं है।' उन्होंने कहा, 'हर साल राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर एक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। करीब 3000 से 4000 लोग शामिल होते हैं। इस बार पास के गुर्जर छात्रावास में राजेश पायलट की प्रतिमा लगाई जाएगी। यह पिछले दो वर्षों से तैयार था।'
हाल में फिर सामने आया था गहलोत-पायलट में विवाद
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सियासी रार कई बार सार्वजनिक हो चुकी है और भाजपा इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरती भी रही है। पायलट ने हाल में पिछली बीजेपी सरकार के कामों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। इसे लेकर उन्होंने एक दिन का मौन व्रत भी रखा था। हालांकि, बाद में हाईकमान ने दोनों नेताओं को बुलाकर समझौते के फॉर्मूले पर बातचीत की थी। यह सबकुछ कर्नाटक चुनाव के दौरान हुआ और पार्टी हाईकमान को मामले को संभालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।
वहीं, मई में पायलट ने भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक को लेकर चार दिवसीय जन जागरण यात्रा भी निकाली थी। जयपुर में यात्रा के समापन पर उन्होंने तीन मांगें रखीं थी - वसुंधरा राजे के खिलाफ जांच, राज्य सेवा आयोग का पुनर्गठन और लीक से प्रभावित उम्मीदवारों के लिए मुआवजा। उन्होंने 31 मई की समय सीमा तय की और गहलोत सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन की चेतावनी दी थी। अब तक उनकी कोई भी मांग पूरी नहीं होने से अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या पायलट अपने पिता की पुण्यतिथि पर कोई नया रास्ता चुनेंगे?