"अपराध कर रहे आप लोग...", कोटा में छात्रों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों के बीच सीएम गहलोत ने पेरेंट्स और कोचिंग सेंटरों को ठहराया जिम्मेदार
By अंजली चौहान | Published: August 19, 2023 11:21 AM2023-08-19T11:21:07+5:302023-08-19T11:29:18+5:30
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कोटा में छात्रों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त की और अधिकारियों को इस पर गौर करने के लिए एक पैनल बनाने का आदेश दिया।
जयपुर:राजस्थान के कोटा में बड़े-बड़े सपने लेकर आने वाले छात्रों की आत्महत्या का मामला दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। इस मामले पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिंता व्यक्त करते हुए जयपुर में कोचिंग सेंटर संचालकों के साथ बैठक की।
सीएम अशोक गहलोत ने अधिकारियों को इन मौतों को रोकने के लिए सुझाव देने के लिए एक समिति बनाने का आदेश दिया। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, "मैंने एक समिति बनाने की घोषणा की है और यह 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट देगी।"
कोचिंग सेंटरों में दाखिला कराने वाले पेरेंट्स की गलती: गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बैठक में कहा कि आप नौवीं और दसवीं कक्षा के छात्रों को कोचिंग संस्थानों में दाखिला दिलाकर अपराध कर रहे हैं। यह माता-पिता की भी गलती है।
#WATCH | You are committing a crime by enrolling students of Classes IX and X to coaching institutes. It is also the parents’ fault. Students face the burden of clearing the board exams and preparing for entrance exams...It's time for improvement as we cannot see young students… pic.twitter.com/vWUGORbf3T
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) August 18, 2023
छात्रों पर बोर्ड परीक्षाओं को पास करने और प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने का बोझ है। यह सुधार का समय है क्योंकि हम युवा छात्रों को आत्महत्या करते हुए नहीं देख सकते। एक भी बच्चे की मौत माता-पिता के लिए बहुत बड़ी क्षति है।
कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों, अभिभावकों और डॉक्टरों सहित सभी हितधारकों से बनी समिति 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
अधिकारियों का कहना है कि इस साल अब तक कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बाईस छात्रों की आत्महत्या से मौत हो चुकी है। पिछले साल यह आंकड़ा 15 था।
इस बीच, शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान ने भी कोचिंग संस्थानों से आग्रह किया कि वे पैसे कमाने वाली मशीन न बनें। राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ राजस्थान की नहीं बल्कि पूरे देश की समस्या है।
बैठक में छात्र आत्महत्याओं पर राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों पर भी चर्चा हुई। एनसीआरबी के अनुसार, 2021 में लगभग 13,000 छात्रों की आत्महत्या से मृत्यु हो गई।
महाराष्ट्र में 1,834 मौतों के साथ सबसे अधिक आत्महत्याएं दर्ज की गईं, इसके बाद मध्य प्रदेश 1,308, तमिलनाडु 1,246, कर्नाटक 855 और ओडिशा 834 हैं।