आदित्यनाथ सरकार स्वामी चिन्मयानन्द पर लगे रेप केस को लेगी वापस, तीन बार सांसद रहे स्वामी अटल सरकार में थे मंत्री
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: April 10, 2018 09:12 AM2018-04-10T09:12:55+5:302018-04-10T10:26:44+5:30
स्वामी चिन्मयानन्द भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के टिकट पर तीन बाद सांसद रह चुके हैं। चिन्मयानन्द अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में गृह राज्य मंत्री रह थे।
लखनऊ 10 अप्रैल: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पूर्व मंत्री स्वामी चिन्मयानन्द के खिलाफ सात साल पुराने बलात्कार और अपहरण के मामले को वापस लेने का फैसला किया है। स्वामी चिन्मयानन्द के खिलाफ नवंबर 2011 में एक लड़की की शिकायत पर शाहजहाँपुर के कोतवाली पुलिस थाने में दर्ज कराया था। चिन्मयानन्द ने हाई कोर्ट में अपील की थी जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी पर रोक लग गयी थी। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार नौ मार्च 2018 को शाहजाँपुर जिला प्रशासन ने सरकारी वकील को पत्र लिखकर मुकदमा वापस लेने का निर्देश दिया।
पीड़िता ने आरोप लगाया था कि चिन्मयानन्द ने बलात्कार के बाद पुलिस में शिकायत करने पर जान से मरवा देने की धमकी दी थी। चिन्मयानन्द ने खुद पर लगे आरोपों को गलत बताया था। चिन्मयानन्द भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के टिकट पर तीन बाद सांसद रह चुके हैं। चिन्मयानन्द 1991 में बदायूँ, 1998 में मछलीशहर और 1999 में जौनपुर से सांसद रहे हैं। चिन्मयानन्द अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में गृह राज्य मंत्री रह थे।
टाइम्स ऑफ इंडिया के पास प्रशासन के इस पत्र की प्रति है। अखबार के अनुसार पत्र में जिला प्रशासन ने सरकारी वकील को लिखा है, "प्रशासन ने सीआरपीसी की धारा 321 के तहत दर्ज मामले को वापस लेने का फैसला किया है। सरकारी वकील से अनुरोध है कि वो अदालत में ये प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करें।" इस पत्र में चिन्मयानन्द से मुकदमा वापस लेने की कोई वजह नहीं बतायी गयी है। आम तौर पर ऐसे मामले सबूतों के अभाव या गवाहों के मुकर जाने की वजह से वापस लिए जाते हैं।
अभी हाल ही में योगी आदित्यनाथ सरकार मुजफ्फरनगर में साल 2013 में हुए दंगों से जुड़े 131 मुकदमे वापस लेने का फैसला लिया था। सीएम आदित्यनाथ 20 हजार ऐसे केस वापस लेने की बात कह चुके हैं जो "राजनीतिक किस्म" की हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार तब भी आलोचनाओं से घिर गयी थी जब उसने सीएम आदित्यनाथ के खिलाप भड़काऊ भाषण देने के मामले को वापस लेने का फैसला लिया था।