आसनसोल हिंसा के बाद इस्तीफा देना चाहते थे बाबुल सुप्रियो, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस तरह रोका
By पल्लवी कुमारी | Published: April 2, 2018 11:12 AM2018-04-02T11:12:18+5:302018-04-02T12:33:11+5:30
बाबुल सुप्रियो ने कहा ममता बनर्जी किसी भी तरह से सत्ता में बने रहना चाहती हैं। वहीं, तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता चाहते हैं कि पश्चिम बंगाल में विपक्ष रहे ही नहीं।
कोलकता, 2 अप्रैल: पश्चिम बंगाल के आसनसोल में रामनवमी के बाद भड़की सांप्रदायिक हिंसा को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने अपने पद से इस्तीफा देने और राजनीति से संन्यास लेने की पेशकश की थी। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें किसी तरह इस्तीफा देने से रोक दिया।
बाबुल सुप्रियो ने ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी कि पश्चिम बंगाल के आसनसोल में रामनवमी के बाद भड़की सांप्रदायिक हिंसा के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। जहां पीएम मोदी ने उन्हें संन्यास लेने की बजाय तुष्टीकरण को बढ़ावा देने वाली पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार से मुकाबला करने की सलाह दी थी।
8/9/:(cont)U may be surprised 2 know that after 2 dirty incidents in Asansol/Bengal I had met our Honble PM resigning as a Minister to quit Politics&Power for good only 2 b inspired back by our Hon’ble PM, a man who works 24/7/365 days for his country•Don’t Quit-Fight he told me
— Babul Supriyo (@SuPriyoBabul) April 2, 2018
बाबुल सुप्रियो ने ट्वीट कर ममता बनर्जी पर भी जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, ममता बनर्जी किसी भी तरह से सत्ता में बने रहना चाहती हैं। वहीं, तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता चाहते हैं कि पश्चिम बंगाल में विपक्ष रहे ही नहीं। मुंबई और दिल्ली में मैं बहुत अच्छा जीवन बिता रहा था लेकिन राजनीति में आने के बाद यहां मुझे घृणा की राजनीति, मानवता की बजाय अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक का सामना करना पड़ रहा है। इसने मुझे गहरी निराशा में डाल दिया।'
बाबुल सुप्रियो ने यहां यह भी कहा, मुझे अंदर से शक्तिहीन महसूस हो रहा है। मैंने कभी भी पूरे जीवन में इतनी घृणा का सामना नहीं किया है। मैंने खुद ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती, ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया के लिए कम से कम 10 ऐल्बम रिकॉर्ड किए हैं। फिलहाल सोशल मीडिया पर मेरे साथ बहुत घटिया बर्ताव किया जा रहा है। अगर जमीनी स्थिति की बात करें तो लोग अभी भी पक्षपात कर रहे हैं। टीएमसी के कार्यकर्ता तो ऐसे बर्ताव करते हैं, जैसे वह बंगाल पुलिस हो।