uttar pradesh gram panchayat election 2021: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां अंतिम दौर में हैं। यूपी पंचायत चुनाव 30 अप्रैल तक होने हैं। इस साल कुल 57,207 प्रमुख चुने जाएंगे।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी, कन्नौज, रामपुर, संभल, कासगंज, अमेठी, मुरादाबाद, मेरठ, बलिया, फतेहपुर, हरदोई, गाजियाबाद, मिर्जापुर, गाजीपुर, भदोही, बांदा, प्रतापगढ़, फिरोजाबाद, गोरखपुर उन्नाव, देवरिया समेत कई जिलों में ग्राम प्रधान, ब्लाक प्रमुख व वार्ड सदस्य पदों के लिए आरक्षण की अनंतिम सूची जारी कर दी गई है।
26 मार्च को आदर्श आचार संहिता लागू होने की संभावना
आपको बता दें यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फरवरी में पिछली अखिलेश यादव सरकार के 2015 के आरक्षण आदेश को रद्द कर दिया था। अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा, “कुल ग्राम पंचायत सीटों में से 330 अनुसूचित जनजाति के लिए, 12,045 अनुसूचित जाति के लिए और 15,712 ओबीसी के लिए आरक्षित होंगी। 26 मार्च को आदर्श आचार संहिता लागू होने की संभावना है।
प्रदेश के 75 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष, 826 विकास खंडों में प्रमुख क्षेत्र पंचायत और 58,194 ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधानों के चुनाव के लिए अनुसूचित जाति, पिछड़ा संवर्ग और महिला के अलावा सामान्य वर्ग के लिए निर्धारित कोटे की सूची जारी की।
महिलाओं के लिए कुल 25 सीटें आरक्षित
प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए अनुसूचित जाति संवर्ग में छह महिला समेत कुल 16 सीटें आरक्षित की गई हैं। अन्य पिछड़ा वर्ग में सात महिला समेत कुल 20 सीटें आरक्षित की गई हैं जबकि महिलाओं के लिए 12 सीटों के अलावा 27 अन्य सीटें अनारक्षित की गई हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए सभी वर्गों की मिलाकर महिलाओं के लिए कुल 25 सीटें आरक्षित की गई हैं।
ग्राम सभाओं में 7,31,813 वार्ड, क्षत्र पंचायतों में 75,855 वार्ड और 75 ज़िला पंचायतों में 30,051 वार्ड हैं। क्षेत्र पंचायत प्रमुखों के 826 पदों में से, अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए पांच, अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए 171 और अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 223 आरक्षित हैं।
पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने यहां संवाददाताओं को बताया कि सरकार ने नयी नीति के तहत पंचायत चुनाव में रोटेशन आरक्षण व्यवस्था को लागू किया है और आरक्षण नीति में 1995 से 2015 में हुए आरक्षण को संज्ञान में रखा गया है।
चुनाव में शैक्षणिक योग्यता आड़े नहीं आयेगी
उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और महिला क्रम में पिछले चुनावों को देखते हुए आरक्षण लागू किया जाएगा और जो पद पहले कभी आरक्षित नहीं हुए, उनको वरीयता दी जाएगी। चुनाव में शैक्षणिक योग्यता आड़े नहीं आयेगी।
चार मार्च से लेकर आठ मार्च तक लिखित आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है। फिर 10 से 12 मार्च के बीच आई हुई आपत्तियों का निस्तारण करते हुए अंतिम सूची तैयार की जाएगी। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष एवं वार्ड सदस्यों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों, ग्राम प्रधानों एवं उनके सदस्यों की सीटों का निर्धारण किया जा चुका है।
पंचायत चुनाव में 2015 में जो आरक्षण की स्थिति थी, वह इस चुनाव में नहीं होगी। जो पद अनुसूचित जाति या फिर अनुसूचित जातियों की महिलाओं के लिए हैं, वे इस बार अनारक्षित तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि अब तक अनारक्षित रहा जिला पंचायत अध्यक्ष का कोई पद अब आरक्षित हो सकता है। इसी तरह कोई ऐसा पद जो अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित नहीं हुआ है, वह इस वर्ग के लिए आरक्षित होगा।