बड़ी खबर: फिर एक साथ नजर आ सकते हैं सीएम नीतीश कुमार और उपेन्द्र कुशवाहा, जेडीयू नेता ने दिए संकेत

By एस पी सिन्हा | Updated: February 1, 2021 15:31 IST2021-02-01T15:28:51+5:302021-02-01T15:31:08+5:30

बिहार की राजनीति में एकबार फिर उपेन्द्र कुशवाहा और नीतीश कुमार की जोड़ी साथ मिलकर काम कर सकती है। उपेन्द्र कुशवाहा जल्द ही जदयू में अपनी पार्टी रालोसपा का विलय कर सकते हैं।

Upendra Kushwaha meets Bihar CM Nitish Kumar Almost a month after Bihar elections 2020 | बड़ी खबर: फिर एक साथ नजर आ सकते हैं सीएम नीतीश कुमार और उपेन्द्र कुशवाहा, जेडीयू नेता ने दिए संकेत

सीएम नीतीश कुमार और उपेन्द्र कुशवाहा। (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)

Highlightsवशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार की उपेंद्र कुशवाहा से बातचीत बहुत अच्छी रही।नारायण सिंह को उम्मीद है कि उपेंद्र कुशवाहा बिना शर्त और बिना किसी मांग के जदयू में शामिल होंगे।दोनों नेताओं के बीच इस मुलाकात को लेकर सियासत में फिर नए राजनीतिक समीकरण बनने और सियासी उलटफेर की चर्चा गरम हो गई है।

पटना,1 फरवरीबिहार की सियासत में कुछ बड़ा होनेवाला है। विधान सभा चुनाव के पहले तो नीतीश कुमार उपेन्द्र कुशवाहा को एनडीए के साथ नहीं ला पाए, लेकिन विधान सभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद अब वह उपेन्द्र कुशवाहा को साथ लाने में जुट गए हैं। रविवार की रात नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा की मुलाकात के बाद जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा है कि उपेंद्र कुशवाहा बिना शर्त जदयू में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा की कोई डिमांड नहीं है। 

दरअसल वशिष्ठ नारायण सिंह भी नीतीश-कुशवाहा मुलाकात के दौरान मौजूद थे। करीब एक घंटे की मुलाकात में दोनों के बीच बहुत सारी बातें हुईं। सूत्रों का दावा है कि सबकुछ सही रास्ते पर है। आगे का इंतजार कीजिए। मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री आवास से बाहर निकले कुशवाहा ने भी स्वीकार किया कि नीतीश से वह कभी अलग नहीं थे। हां, हमारी अपनी-अपनी राजनीति है। 

आगे के बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। जबकि मीडिया से बात करते हुए वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि वे पूरी तरह आशान्वित हैं कि उपेंद्र कुशवाहा जदयू में अपनी पार्टी का विलय कर लेंगे। रविवार की शाम जब वे नीतीश कुमार से मिलने गये तो एकदम परिवार के सदस्य की तरह बातचीत की। वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा को जदयू में पूरा सम्मान दिया जायेगा। 

दरअसल, उपेन्द्र कुशवाहा को भी नीतीश कुमार का साथ जरुरी है। रविवार को मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के साथ राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा की मुलाकात के बाद सियासी गलियारे में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। उपेंद्र कुशवाहा को लेकर आशान्वित जदयू के नेता ने आज उनकी तारीफों के पुल भी बांधे। वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा सिर्फ लव-कुश समीकरण के नेता नहीं हैं। उनकी पकड समाज के सभी हिस्सों पर है। जदयू को उसका लाभ मिलेगा। वैसे भी उपेंद्र कुशवाहा जदयू के पुराने नेता रहे हैं। आपस में कुछ मतभेद होने के कारण उन्होंने दूसरा रास्ता पकड़ लिया, लेकिन जदयू अभी भी उनके लिए अपना ही है। इस पार्टी के नेता रहे हैं, इसलिए उनका सम्मान, उनकी प्रतिष्ठा वही रहेगी। 

हालांकि, कुशवाहा ने खुद इस मुलाकात के बारे में ज्यादा बताने से परहेज किया, लेकिन सूत्रों का दावा है कि विलय की बात आगे बढ गई है। कुछ अडचन है, जिसे जल्द ही दूर कर लिया जाएगा। वैसे रालोसपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि लोजपा को राजग से बाहर का रास्ता दिखाने पर आमदा जदयू ने रालोसपा को साथ आने का ऑफर दिया है। किंतु प्रत्यक्ष तौर पर कुशवाहा जदयू में रालोसपा के विलय के सवाल को खारिज करते हैं। 

उन्होंने यह भी कहा कि जदयू को भी अपनी भावना से अवगत करा दिया गया है। यहां उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा में पहले सत्र के अंतिम दिन (27 नवंबर) नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व एनडीए के विधायकों पर की गई अमर्यादित टिप्पणियों के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी के व्यवहार की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ खडे रहने का ऐलान कर दिया था। फिर क्या था, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात का आग्रह किया, जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री आवास पर जाकर मुलाकात की थी। 

राजनीतिक जानकार बता रहे हैं कि कुशवाहा और नीतीश की मुलाकात का परिणाम भी सामने आएगा और बिहार में जल्द ही नया राजनीतिक समीकरण भी देखने को मिल सकता है। दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने पुरानी साथी कुशवाहा को साथ लाकर फिर से लव-कुश समीकरण (कुर्मी-कुशवाहा जातियों को लव-कुश कहा जाता है) को अजेय बनाना चाहते हैं। सूत्रों के अनुसार विधान सभा चुनाव के पहले ही नीतीश कुमार ने उपेन्द्र कुशवाहा को साथ लाने की कोशिश की थी, लेकिन बात बन नहीं पाई थी।

Web Title: Upendra Kushwaha meets Bihar CM Nitish Kumar Almost a month after Bihar elections 2020

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