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मंत्री, विधायकों को अब विदेश दौरे की छूट, सरकार ने प्रतिबंध हटाया, जायज कारण होना अनिवार्य, जानिए शर्तें

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: February 3, 2021 13:25 IST

महाराष्ट्र सरकारः आईएएस अधिकारी समेत राज्य सेवा के और सार्वजनिक उपक्रम, मंडल, महामंडलों के अधिकारी/पदाधिकारी के लिए यह शर्त बरकरार रहेगी.

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ठळक मुद्देफड़नवीस सरकार ने दो जून 2016 को परिपत्रक जारी कर विदेश दौरे को लेकर मंत्रियों और विधायकों के लिए भी नियम व शर्तें लागू की थी.एक फरवरी को जारी किए गए परिपत्रक में मंत्रियों और विधायकों को मुख्य सचिव की समिति की प्रक्रिया से छूट दी है. सूत्रों के मुताबिक, मंत्रियों और विधायकों का मानना था कि सचिव या मुख्य सचिव हमसे बड़े कैसे हो सकते हैं?

यदु जोशी

मुंबईः राज्य के मंत्रियों और विधायकों के विदेश दौरे को लेकर इसके पहले लगाए गए प्रतिबंध हो हटा दिया गया है और ऐसे दौरे की जरूरत की जांच करने के लिए गठित की गई मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति की प्रक्रिया से उन्हें हटाया गया है.

लेकिन, आईएएस अधिकारी समेत राज्य सेवा के और सार्वजनिक उपक्रम, मंडल, महामंडलों के अधिकारी/पदाधिकारी के लिए यह शर्त बरकरार रहेगी. पूर्ववत देवेंद्र फड़नवीस सरकार ने दो जून 2016 को परिपत्रक जारी कर विदेश दौरे को लेकर मंत्रियों और विधायकों के लिए भी नियम व शर्तें लागू की थी.

लेकिन, सामान्य प्रशासन मंत्रालय की ओर से एक फरवरी को जारी किए गए परिपत्रक में मंत्रियों और विधायकों को मुख्य सचिव की समिति की प्रक्रिया से छूट दी है. सूत्रों के मुताबिक, मंत्रियों और विधायकों का मानना था कि सचिव या मुख्य सचिव हमसे बड़े कैसे हो सकते हैं?

उन्होंने कहा कि उनके विदेश दौरे का निर्णय मुख्यमंत्री लेंगे. सूत्रों ने बताया कि विदेश दौरे का प्रस्ताव केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए दौरे की शुरुआत होने की तारीख से कम से कम तीन हफ्ते पहले पेश करना होगा. यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय के पास न्यूनतम छह हफ्ते पहले पेश करना होगा.

सूत्रों के अनुसार, मंत्रालय के अधिकारियों ने पहले और अभी के परिपत्रक में किसी प्रकार का अंतर होने की बात से इनकार किया है. इसके चलते मंत्री, विधायकों के विदेश दौरे के लिए अब सीधे मुख्यमंत्री अनुमति देंगे. संभावना जताई जा रही है कि इस संदर्भ में जल्द ही दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे.

विदेश दौरे के लिए शर्तेंः राज्य सरकार अत्यधिक फायदेमंद अथवा टाले नहीं जा सकने वाले दौरों के प्रस्ताव पर ही विचार करेगी.

राज्य सरकार को यह साफ करना होगा कि दौरे से कौन-सा फायदा होगा.

दौरे की समयावधि कम से कम रखनी होगी.

शिष्टमंडल के सदस्यों की संख्या 3 से अधिक होगी तो ठोस कारण बताता होगा. 

विदेश दौरे में संबंधित अधिकारियों को मंत्रालय के सचिव को यह विश्वास दिलाना अनिवार्य होगा कि इसमें उनका कोई हितसंबंध (कांफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट) नहीं है.

पॉलिटिकल क्लीयरंस जरूरी होगाः मंत्री, विधायक, अधिकारियों सहित सभी को अनिवार्य रूप से विदेश मंत्रालय का'पॉलिटिकल क्लीयरंस' लेना होगा. जिस देश का दौरा करना है, उसके साथ भारत के राजनीतिक संबंध, वहां के हालात, प्रोटोकॉल आदि पहलुओं का विचार कर विदेश मंत्रालय दौरे की अनुमति देता है.

टॅग्स :उद्धव ठाकरे सरकारउद्धव ठाकरेदेवेंद्र फड़नवीसमुंबई
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