लाइव न्यूज़ :

BJP चाणक्य की सलाह, 'त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पहले सेप्टिक टैंक की कराएं जांच, कोई कंकाल तो नहीं पड़ा है'

By भारती द्विवेदी | Updated: March 10, 2018 16:48 IST

सुनील देवधर ने पूर्व सीएम माणिक सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि साल 2005 में माणिक सरकार के घर के सैप्टिक टैंक से एक महिला का कंकाल मिला था। इन लोगों ने 25 सालों तक सरकार चलाया है। वह एक पॉलिटिकल मर्डर था।

Open in App

अगरतला, 10 मार्च: त्रिपुरा के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब की अध्यक्षता में शनिवार को कैबिनेट की पहली बैठक हुई है। बतौर मुख्यमंत्री ये उनकी पहली कैबिनेट बैठक है। अब सभी मंत्री कार्यभार संभालेंगे। इस पर त्रिपुरा चुनाव में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत में अहम भूमिका निभाने वाले सुनील देवधर ने बिप्लब को एक सलाह दी है।

सुनील देवधर ने माणिक सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि साल 2005 में माणिक सरकार के घर के सैप्टिक टैंक से एक महिला का कंकाल मिला था। इन लोगों ने 25 सालों तक सरकार चलाया है। ये एक पॉलिटिकल मर्डर है। मैं बिप्लब कुमार देब से निवेदन करूंगा कि सभी मंत्रियों को घर देने से पहले उनके घर का सैप्टिक टैंक साफ करवा दें।

 10 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के तमाम बड़े नेताओं के सामने बिप्लब कुमार देब ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री की शपथ ली थी। बिप्लब कुमार देब के साथ ही कल नौ विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी।

कौन हैं सुनील देवधर

त्रिपुरा में भाजपा को जीत मिलने के बाद सुनील देवधर को भाजपा का चाणक्य कहा गया। महाराष्ट्र के रहनेवाले सुनील साल 1985 से संघ से जुड़े हैं। बतौर प्रचारक 1991 में उन्हें नॉर्थ-ईस्ट भेजा गया था। इनके काम काज को देखते हुए साल 1994 में उन्हें नॉर्थ-ईस्ट के प्रमुख शिलोंग प्रचारक बना दिया गया। यहां वे साल 2002 तक बने रहे। इसके बाद उन्होंने नॉर्थ-ईस्ट में सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम करना शुरू किया।

साल 2005 में सुनील देवधर ने 'माई होम इंडिया' नाम से एक एनजीओ बनाया। इसके जरिए वे नॉर्थ-ईस्ट के लोगों के लिए फंड इकट्ठा कर उनकी मदद करते हैं। देश के दूसरे हिस्सों को नॉर्थ-ईस्ट की समस्याओं से रूबरू कराते हैं। नॉर्थ-ईस्ट छात्रों की मदद करते हैं। इस वक्त यह इसका विस्तार नॉर्थ-ईस्ट के 65 शहरों तक हो गया है। इसी क्रम में जब आरएसएस से आए नितिन गडकरी बीजेपी के अध्यक्ष बने तो देवधर ने उन्हें नॉर्थ-ईस्ट में संगठन के विस्तार की समस्याओं से अवगत कराया। इसके बाद गडकरी उन्हें पूरी तरह से राजनीति में ले आए।

टॅग्स :बिप्लब कुमार देबत्रिपुरा विधानसभा चुनाव 2018
Open in App

संबंधित खबरें

भारत2026 पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावः भाजपा की तैयारी शुरू, मिशन बंगाल पर पहुंचे भूपेंद्र यादव और विप्लव देब, 294 सदस्यीय विस में बहुमत का जादुई आंकड़ा 148

भारतभाजपा और जजपा में मतभेद! सात में से छह निर्दलीय विधायकों ने खट्टर सरकार को दिया ‘बिना शर्त’ समर्थन, ऊर्जा मंत्री रंजीत सिंह चौटाला ने दावा किया 

भारतTripura Assembly Election 2023: 259 प्रत्याशी और 45 करोड़पति, उपमुख्यमंत्री जिष्णु देव वर्मा सबसे धनी उम्मीदवार, 41 के खिलाफ आपराधिक मामले, देखें लिस्ट

भारतत्रिपुरा विधानसभा चुनाव 2023ः भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन और कांग्रेस-वाम मोर्चा गठबंधन में टक्कर, ‘किंगमेकर’ की भूमिका में ‘टिपरा मोथा!’, जानें कब है मतदान और मतगणना

भारतTripura Assembly Election 2023: त्रिपुरा में 2813478 मतदाता 60 विधायक चुनेंगे, 16 फरवरी को मतदान, भाजपा, कांग्रेस और माकपा में टक्कर

राजनीति अधिक खबरें

राजनीतिDUSU Election 2025: आर्यन मान को हरियाणा-दिल्ली की खाप पंचायतों ने दिया समर्थन

राजनीतिबिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से मिलीं पाखी हेगड़े, भाजपा में शामिल होने की अटकलें

राजनीतिBihar voter revision: वोटरों की सही स्थिति का पता चलेगा, SIR को लेकर रूपेश पाण्डेय ने कहा

राजनीतिबिहार विधानसभा चुनावः बगहा सीट पर बीजेपी की हैट्रिक लगाएंगे रुपेश पाण्डेय?

राजनीतिगोवा विधानसभा बजट सत्रः 304 करोड़ की 'बिना टेंडर' परियोजनाओं पर बवाल, विपक्ष का हंगामा