राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार (7 अप्रैल) को कहा कि निजामुद्दीन के मरकज में हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम के मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त या मौजूदा जस्टिस से करवाई जानी चाहिए ताकि जवाबदेही तय की जा सके। गहलोत ने कहा कि तबलीगी जमात के लोग हों या प्रशासन, गलती जिसकी भी है उसे सजा मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘गलती जिसने की है, उसे सजा मिले। यह अलग बात है किसी भी जाति या धर्म का व्यक्ति गलती कर सकता है। इसकी जांच होनी चाहिए कि गलती कहां हुई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले में सच्चाई सामने आनी चाहिए। उच्चतम न्यायालय के किसी मौजूदा या सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराई जाए तो मालूम पड़ जाएगा कि गलती किसकी थी।’’
गहलोत ने कहा, ‘‘ तबलीगी जमात के लोग जहां गए हैं, वहां कितनी समस्या हो रही है। यदि समय रहते ही कार्रवाई की जाती तो यह नौबत नहीं आती। जांच में पता चल जाएगा कि गलती किसकी है। अगर इसमें प्रशासन की लापरवाही है तो वह भी सामने आनी चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि इस सारे प्रकरण को धार्मिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘इस लड़ाई को लड़ने के लिए पूरा मुल्क एक है । सब राज्य सरकारें कह चुकी हैं कि हम केंद्र सरकार के साथ हैं। कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी इस बारे में प्रधानमंत्री को पत्र लिख चुकी हैं कि पार्टी आपके साथ है। केंद्र को कदम उठाने चाहिए।’’