कुछ पांच साल AC में बैठते हैं, विदेशों में रहकर चुनाव में प्रकट होते हैं, लेकिन ऐसे नेताओं के कर्म देवताओं वाले नहीं बल्कि राक्षस वाले होते हैंः तंवर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 5, 2019 05:50 PM2019-10-05T17:50:44+5:302019-10-05T17:50:44+5:30
त्यागपत्र में तंवर ने कहा, ''मौजूदा समय में कांग्रेस अपने राजनीतिक विरोधियों के कारण नहीं, बल्कि अंतर्विरोधों के चलते अस्तित्व के संकट से जूझ रही है। जमीन से उठे तथा किसी बड़े राजनीतिक परिवार से संबंध नहीं रखने वाले मेहनती कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जा रही है।''
हरियाणा विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण से नाराज प्रदेश कांग्रेस समिति के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ने शनिवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस में उनकी एवं कुछ अन्य नेताओं की ''राजनीतिक हत्या'' कर दी गयी है।
तंवर ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे त्यागपत्र में यह आरोप भी लगाया कि पार्टी को खत्म करने की साजिश की जा रही है। कुछ दिनों पहले उन्होंने राज्य विधानसभा चुनाव के लिए बनी विभिन्न समितियों से इस्तीफा दे दिया था।
तंवर ने कहा कि उनके सामने पार्टी छोड़ने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था। वह फिलहाल भाजपा या किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं होने जा रहे। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि राहुल गांधी के करीबियों की ''राजनीतिक हत्या'' की जा रही है।
त्यागपत्र में तंवर ने कहा, ''मौजूदा समय में कांग्रेस अपने राजनीतिक विरोधियों के कारण नहीं, बल्कि अंतर्विरोधों के चलते अस्तित्व के संकट से जूझ रही है। जमीन से उठे तथा किसी बड़े राजनीतिक परिवार से संबंध नहीं रखने वाले मेहनती कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जा रही है।''
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि पार्टी में पैसे, ब्लैकमेलिंग और दबाव बनाने रणनीति काम कर रही है। तंवर ने पार्टी के प्रभारी महासचिव गुलाम नबी आजाद और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि इन नेताओं के साथ ''सांठगांठ'' ही टिकट पाने का सबसे महत्वपूर्ण मापदण्ड रहा और ऐसे में पांच साल मेहनत करने वाले कई कार्यकर्ता टिकट पाने से उपेक्षित रह गए।
उन्होंने कांग्रेस से अपने अपने ढाई दशक के जुड़ाव और राजनीतिक घटनाक्रमों का हवाला देते हुए कहा, ''मेरी लड़ाई व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि उस व्यवस्था के खिलाफ है जो देश की सबसे पुरानी पार्टी को खत्म कर रही है।'' बाद में तंवर ने संवाददाताओं से कहा, ''पार्टी में कुछ नेताओं की राजनीतिक हत्या की जा रही है। इनमें मैं, अजय कुमार और संजय निरुपम शामिल हैं। कुछ की राजनीतिक हत्या होना अभी बाकी है।" तंवर ने दावा किया, " कुछ लोग पांच साल एसी कमरों में बैठते हैं, विदेशों में रहते हैं और चुनाव में प्रकट हो जाते हैं लेकिन ऐसे नेताओं के कर्म देवताओं वाले नहीं बल्कि राक्षस वाले होते हैं। ''
उन्होंने दावा किया, ‘‘हमारे ऊपर हमला तक किया गया, बावजूद इसके कोई मदद नहीं मिली।’’ तंवर ने तंज कसते हुए कहा कि 24 अक्टूबर को नतीजे आएंगे। 20 दिन में पता चल जाएगा कि कुछ लोग कितने बड़े नेता हैं। पिछले महीने तंवर को हटाकर पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा को प्रदेश कांग्रेस समिति का अध्यक्ष बनाया गया था।
इसके साथ ही हुड्डा को नेता प्रतिपक्ष और चुनाव प्रबन्धन समिति का प्रमुख बनाया गया था। तंवर और समर्थकों ने टिकट वितरण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पिछले दिनों सोनिया गांधी के आवास के बाहर प्रदर्शन किया था।
शैलजा ने तंवर के आरोपों को खारिज करते हुए शुक्रवार को कहा कि टिकट तय प्रक्रिया के तहत दिए गए हैं और सभी नेताओं को मिलकर कांग्रेस को जिताने के लिए काम करना चाहिए। कांग्रेस ने शुक्रवार को तंवर को नसीहत दी थी कि वह संयम बरतें और ऐसा कोई बयान नहीं दें जिससे भाजपा मजबूत हो।