रिजर्वेशन के मुद्दे पर बोली BJP, पीएम मोदी के नेतृत्व में हम आरक्षण के प्रति हैं कटिबद्ध, कुछ लोग गलत सूचना फैलाने की कोशिश कर रहे हैं

By रामदीप मिश्रा | Published: June 12, 2020 05:06 PM2020-06-12T17:06:25+5:302020-06-12T17:06:25+5:30

केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने ट्वीट कर कहा, 'आरक्षण के मुद्दे पर बार बार विवाद  उठता रहता है। आरक्षण, बाबा साहेब आंबेडकर और महात्मा गांधी के बीच हुए पूना पैक्ट की उपज है। इस पर सवाल उठाना, पूना पैक्ट को नकारना है।'

Some people are trying to spread misinformation regarding reservation says JP nadda | रिजर्वेशन के मुद्दे पर बोली BJP, पीएम मोदी के नेतृत्व में हम आरक्षण के प्रति हैं कटिबद्ध, कुछ लोग गलत सूचना फैलाने की कोशिश कर रहे हैं

आरक्षण के मुद्दे पर बीजेपी ने अपनी राय साफ कर दी है। (फाइल फोटो)

Highlightsसुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरक्षण कोई बुनियादी अधिकार नहीं है। बीजेपी ने कहा है कि भारत की सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और बीजेपी आरक्षण के प्रति कटिबद्ध है।

NEET पोस्ट ग्रेजुएशन रिजर्वेशन मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरक्षण कोई बुनियादी अधिकार नहीं है। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने शुक्रवार (12 जून) को अपनी राय रखी है और कहा है कि भारत की सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और बीजेपी आरक्षण के प्रति कटिबद्ध है।

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता जेपी नड्डा ने कहा है कि भारत की सरकार पीएम मोदी के नेतृत्व में और बीजेपी आरक्षण के प्रति कटिबद्ध है। सामाजिक न्याय के प्रति हमारी वचनबद्धता अटूट है। पीएम ने बार-बार इस संकल्प को दोराहया है। सामाजिक समरसता और सभी को समान अवसर मिले इसके लिए हम हमेशा प्रयास करेंगे। बीजेपी आरक्षण के प्रति समर्पित और कटिबद्ध है। कुछ लोग आरक्षण को लेकर गलत सूचना फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।

इससे पहले केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने ट्वीट कर कहा, 'आरक्षण के मुद्दे पर बार बार विवाद  उठता रहता है। आरक्षण, बाबा साहेब आंबेडकर और महात्मा गांधी के बीच हुए पूना पैक्ट की उपज है। इस पर सवाल उठाना, पूना पैक्ट को नकारना है। मंडल कमीशन पर फैसला में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अनुसूचित जाति/जनजाति के मामले का संबंध अस्पृश्यता से है।'


उन्होंने कहा, 'संविधान के मुताबिक अनुसूचित जाति/जनजाति पहले से ही पिछड़ा है। संविधान में प्रदत्त अधिकारों के तहत न सिर्फ अनुसूचित जाति/जनजाति बल्कि अन्य पिछड़े वर्ग और ऊंची जाति के गरीब लोगों को भी आरक्षण दिया गया है।'

राम विलास पासवान ने कहा, 'लोक जनशक्ति पार्टी सभी राजनीतिक दलों से मांग करती है कि पहले भी आप सभी इस सामाजिक मुद्दे पर साथ देते रहे हैं, फिर से इकठ्ठा हों। बार-बार आरक्षण पर उठने वाले विवाद को खत्म करने के लिए आरक्षण संबंधी सभी कानूनों को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए मिलकर प्रयास करें।' 

बता दें कि तमिलनाडु में NEET पोस्ट ग्रेजुएशन रिजर्वेशन मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आरक्षण कोई बुनियादी अधिकार नहीं है। दरअसल,  मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की तमिलनाडु इकाई और द्रमुक ने याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।  

माकपा ने वर्ष 2020-21 में मेडिकल और डेन्टल पाठ्यक्रमों के लिए अखिल भारतीय कोटे में राज्य द्वारा छोड़ी गई सीटों में ओबीसी, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिये क्रमश: 50, 18 और एक प्रतिशत आरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इससे पहले, द्रमुक ने भी मेडिकल के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के मामले में छात्रों को इसी तरह की राहत का अनुरोध करते हुए शीर्ष अदालत में आवेदन दायर किया था। 

Web Title: Some people are trying to spread misinformation regarding reservation says JP nadda

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