लाइव न्यूज़ :

कुछ IPS अधिकारियों ने की थी ठाकरे सरकार गिराने की कोशिश, अनिल देशमुख ने की सनसनीखेज खुलासे की पुष्टि

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: September 20, 2020 06:55 IST

कठोर लॉकडाउन के शुरुआती दौर में जिन अमिताभ गुप्ता ने यस बैंक घोटाले के आरोपी उद्योगपति कपिल वधावन सहित 22 लोगों को महाबलेश्वर जाने की मंजूरी का पत्र दिया, जिसके कारण सरकार परेशानी में भी फंसी, उन्हें अब पुणे का आयुक्त बनाया गया है.

Open in App
ठळक मुद्देछ आईपीएस अधिकारियों ने महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार को गिराने की कोशिश की थी.इस सनसनीखेज खुलासे की पुष्टि करते हुए राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इन अधिकारियों पर नाराजगी जताई है.

अतुल कुलकर्णीमुंबई: कुछ आईपीएस अधिकारियों ने महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार को गिराने की कोशिश की थी, लेकिन उनकी कोशिशों को वक्त रहते नाकाम कर दिया गया था. इस सनसनीखेज खुलासे की पुष्टि करते हुए राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इन अधिकारियों पर नाराजगी जताई है. साथ ही उन्होंने कहा कि वह इस पर सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करना चाहते.

लोकमत ऑनलाइन के 'ग्राउंड जीरो' कार्यक्रम में दिए गए साक्षात्कार में पूछे गए सवालों के जवाब में गृह मंत्री ने इसकी पुष्टि की. उनसे पूछा गया था कि सरकार गिराने की पुलिस विभाग की ओर से जोरदार कोशिश की बात सामने आई है. क्या यह हकीकत है? उसमें कौन-कौन शामिल थे? किन अधिकारियों के नाम आपको पता चले और आपने इसे कैसे रोका?

यह सीधा सवाल पूछे जाने पर गृह मंत्री ने कहा, ''सचहै... वैसे मैं एकदम इस बारे में कुछ बता नहीं पाऊंगा. कुछ अधिकारी अच्छा काम कर रहे हैं. पुलिस विभाग में कुछ अधिकारी ऐसे भी होते हैं, जिनकी नेताओं के साथ नजदीकियां होती है. लेकिन इस बारे में मैं कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करना चाहता.'' वैसे इस दौरान गृह मंत्री के चेहरे पर मौजूद बैचेनी और नाराजगी साफ जाहिर हो रही थी.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक चार-पांच वरिष्ठ अधिकारियों ने महाविकास आघाड़ी की सरकार गिराने की कोशिश की. उसमें एक अतिवरिष्ठ महिला अधिकारी भी शामिल है. विधायकों को धमकाना, उन्हें इस्तीफे देने के लिए कहना, 'आपकी फाइल हमारे पास है' जैसे बयान देने जैसी बातें सामने आईं. उसके बाद खुद राकांपा प्रमुख शरद पवार ने हस्तक्षेप किया.

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, शरद पवार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहब थोरात, गृह मंत्री अनिल देशमुख के बीच चर्चा हुई और तय किया गया कि इस मामले को 'सही' तरीके से सुलझाया जाए. पवार ने एक महिला अधिकारी का नाम लेकर उसे तत्काल पद से हटाकर दूसरा काम देने को कहा.

एक नेता ने तो यह भी बताया कि उन्हें अन्य चार अधिकारियों के भी नाम लिए. सारा षड्यंत्र पता चलते ही उस पर वक्त रहते अंकुश लगा दिया गया. हाल ही में पुलिस अधिकारियों के तबादलों में उनमें से ही कुछ अधिकारियों को अलग-थलग कर दिया गया. कुछ अधिकारियों के पास आज भी महत्वपूर्ण पद हैं. हालांकि, एक वरिष्ठ शिवसेना नेता ने कहा कि ऐसे अधिकारियों को हटा ही देना चाहिए.

कठोर लॉकडाउन के शुरुआती दौर में जिन अमिताभ गुप्ता ने यस बैंक घोटाले के आरोपी उद्योगपति कपिल वधावन सहित 22 लोगों को महाबलेश्वर जाने की मंजूरी का पत्र दिया, जिसके कारण सरकार परेशानी में भी फंसी, उन्हें अब पुणे का आयुक्त बनाया गया है.

गृह मंत्री से जब पूछा कि उनका समर्थन आप कैसे करेंगे? उन्होंने जवाब दिया कि गुप्ता से उस दौर में बहुत बड़ी गलती हुई और उन्होंने जांच समिति के सामने यह बात स्वीकार भी ली. लेकिन उनका आज तक का कार्यकाल अच्छा रहा है, इसीलिए उन्हें अब पुणे की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

गृह मंत्री ने छोटे-मोटे कारणों से विपक्षी दल के लोगों राज्यपाल के पास जाने पर तंज कसते हुए कहा कि देवेंद्र फडणवीस हमारे मित्र हैं, लेकिन अब उन्हें राजभवन में ही एक कमरा लेकर रहना चाहिए, जिससे आने-जाने की परेशानी बचेगी. कंगना राणावत और अर्णब गोस्वामी के मसले पर उन्होंने कहा कि मुंबई को पाकिस्तान कहने, मुंबई पुलिस को माफिया कहने वाले लोगों का तो मैं नाम तक जुबान पर नहीं लाना चाहता.

इन सब बातों को भाजपा हवा दे रही है.

पूरा साक्षात्कार 'लोकमत यूट्यूब' पर पार्थ पवार ने जब सुशांत सिंह आत्महत्या मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का पत्र पहली बार दिया था तो आपकी प्रतिक्रिया क्या थी? इस सवाल से लेकर पुलिस भर्ती में मराठा आरक्षण, भीमा कोरेगांव जांच समिति का कार्यकाल बढ़ाने, एल्गार जांच के लिए अलग एसआईटी, पुलिस दल का आधुनिकीकरण जैसे अनेक मामलों पर गृह मंत्री ने खुलकर जवाब दिए.

 फिर नेता किस काम के?

सांसद संजय राऊत गृह मंत्री देशमुख के बयान पर सांसद संजय राऊत से संपर्क साधे जाने पर वह बोले, ''अधिकारी अगर सरकार गिराने का काम करने लगे तो फिर नेता किस काम के? महाराष्ट्र की सरकार इतनी कमजोर भी नहीं. कुछ अधिकारियों के बारे में राष्ट्रवादी प्रमुख शरद पवार ने पहले ही दिन स्पष्ट शब्दों में अपने विचार रखे थे. उन्होंने यह भी साफ किया था कि उनमें से कुछ को तत्काल बदल दिया जाना चाहिए. कितने अधिकारियों को बदला, इसका जवाब गृह मंत्री ही दे सकेंगे.''

टॅग्स :उद्धव ठाकरे सरकारमहाराष्ट्रउद्धव ठाकरे
Open in App

संबंधित खबरें

भारतमहाराष्ट्र महागठबंधन सरकारः चुनाव से चुनाव तक ही बीता पहला साल

भारतMaharashtra Civic Poll 2025 UPDATE: पूरे राज्य में मतगणना स्थगित, 21 दिसंबर को नए नतीजे की तारीख तय, सीएम फडणवीस ‘त्रुटिपूर्ण’ प्रक्रिया पर जताई नाराजगी

भारतMaharashtra Local Body Elections: महाराष्ट्र निकाय चुनाव के लिए वोटिंग शुरू, भाजपा और शिवसेना के बीच मुकाबला

भारतMaharashtra Local Body Polls 2025: राज्य के 242 नगर परिषदों और 46 नगर पंचायतों में 2 दिसंबर को मतदान, 3 को होगी मतगणना

भारतमहाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आखिरी समय में नगर निगम चुनाव टालने के लिए चुनाव आयोग की आलोचना की | VIDEO

राजनीति अधिक खबरें

राजनीतिDUSU Election 2025: आर्यन मान को हरियाणा-दिल्ली की खाप पंचायतों ने दिया समर्थन

राजनीतिबिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से मिलीं पाखी हेगड़े, भाजपा में शामिल होने की अटकलें

राजनीतिBihar voter revision: वोटरों की सही स्थिति का पता चलेगा, SIR को लेकर रूपेश पाण्डेय ने कहा

राजनीतिबिहार विधानसभा चुनावः बगहा सीट पर बीजेपी की हैट्रिक लगाएंगे रुपेश पाण्डेय?

राजनीतिगोवा विधानसभा बजट सत्रः 304 करोड़ की 'बिना टेंडर' परियोजनाओं पर बवाल, विपक्ष का हंगामा