कांग्रेस की कलह से शरद पवार चिंतित! महाराष्ट्र की सरकार पर असर पड़ने की आशंका, प्रफुल्ल पटेल दिल्ली पहुंचे
By हरीश गुप्ता | Updated: August 27, 2020 06:43 IST2020-08-27T06:43:40+5:302020-08-27T06:43:40+5:30
कांग्रेस में अगर टकराव बढ़ता है तो इसका असर महाराष्ट्र में सरकार पर भी पड़ेगा। सूत्र ये भी बताते हैं कि कांग्रेस में किसी भी तरह के टकराव को राकांपा 1999 की तरह विभाजन के मौके के तौर पर देख रही है।

कांग्रेस की कलह से एनसीपी प्रमुख शरद पवार चिंतित (फाइल फोटो)
कांग्रेस के भीतर अंदरूनी कलह ने राकांपा प्रमुख शरद पवार को बेहद चिंतित कर दिया है. देश में विपक्षी दलों में एकजुटता के लिए कांग्रेस मुख्य उत्प्रेरक होने के कारण कांग्रेस की कमजोरी का सीधा असर गैर-भाजपा शासित कई राज्य सरकारों पर पड़ने की आशंका है.
इसी वजह से राकांपा प्रमुख ने कई मौकों पर संकटमोचक की भूमिका निभा चुके पार्टी के महासचिव प्रफुल्ल पटेल को कांग्रेस की कलह पर हर पल नजदीकी नजर रखने के लिए तैनात कर दिया है. शायद यही वजह रही कि पटेल मंगलवार रात तुरत-फुरत मुंबई से रवाना होकर दिल्ली पहुंच गए.
'कांग्रेस का अंदरूनी मामला, हमारी भूमिका नहीं'
संपर्क साधे जाने पर प्रफुल्ल पटेल ने लोकमत समाचार को बताया, 'कांग्रेस के अंदरूनी मामलों में हमारी कोई भूमिका नहीं है. निश्चित ही यह चिंता का विषय है क्योंकि महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ हमारी गठबंधन की सरकार है. ऐसे किसी भी घटनाक्रम का उस पर असर पड़ सकता है.'
कांग्रेस नेताओं से किसी किस्म की चर्चा के सवाल पर चिरपरिचित अंदाज में मुस्कुराते हुए पटेल ने कहा, 'हम हर रोज हर किसी से बात करते हैं. हम कांग्रेस को मजबूत देखना चाहते हैं. वह मजबूत पार्टी बने ताकि महाराष्ट्र के प्रयोग को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाया जा सके.'
विभाजन के तौर पर देख रही राकांपा
पटेल ने कांग्रेस के अंदरूनी कलह के मुद्दे पर किसी भी टिप्पणी को टालते हुए कहा कि उनका राजधानी पहुंचने का मकसद संसद की स्थायी समिति (वित्त) की बैठक में भाग लेना है. अगर सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के कई शीर्ष नेता हर रोज प्रफुल्ल पटेल से बात कर रहे थे.
कांग्रेस में किसी भी तरह के टकराव को राकांपा 1999 की तरह विभाजन के मौके के तौर पर देख रही है. नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर एक अन्य राकांपा नेता ने कहा, 'ऐसा होता है तो शरद पवार की वह बात साबित हो जाएगी कि राहुल गांधी में कांग्रेस के नेतृत्व की क्षमता नहीं है.' कांग्रेस की अंदरूनी कलह को दबाने की कोशिशों के बीच पटेल ने पवार को ताजा स्थिति से अवगत करा दिया है.
