सचिन पायलट आज कर सकते हैं दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस, राजस्थान के राज से उठाएंगे पर्दा
By पल्लवी कुमारी | Published: July 15, 2020 07:52 AM2020-07-15T07:52:30+5:302020-07-15T07:52:30+5:30
राजस्थान के डिप्टी सीएम पद और पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष पदों से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट (Sachin Pilot) अभी तक शांत रहे हैं। डिप्टी सीएम के पद से हटाए जाने के बाद से उनके सिर्फ दो ट्वीट आए हैं। एक ट्वीट में उन्होंने कहा, सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं। दूसरे ट्वीट में उन्होंने समर्थन करने वालों का आभार जताया है।
नई दिल्ली: राजस्थान के डिप्टी सीएम पद से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट आज (15 जुलाई) को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में वह राजस्थान के पूरे घटनाक्रम अपनी बात रखेंगे। अभी तक उन्होंने राजस्थान के सियासी ड्रामे पर अपना पक्ष नहीं रखा है। ऐसे में माना जा रहा है कि वह अपनी बात बुधवार को रख सकते हैं। सचिन पायलट ने अभी तक इस पूरे मामले पर कोई भी अधिकारिक बयान नहीं दिया है। राजस्थान में कांग्रेस सरकार गिराने की साजिश मामले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप से नोटिस मिलने के बाद वह कांग्रेस की दो विधायकों की बैठक में नहीं गए थे लेकिन सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ उन्होंने कुछ बोला नहीं है। सचिन पायलट ने मंगलवार को बस एक ट्वीट किया था- सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं।
कांग्रेस ने राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले सचिन पायलट के विरूद्ध सख्त कदम उठाते हुए उन्हें मंगलवार (14 जुलाई) को उप मुख्यमंत्री और पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष पदों से हटा दिया। इसके साथ ही पार्टी ने पायलट के साथ गए सरकार के दो मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी उनके पदों से तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। इस घटनाक्रम के बाद फिलहाल कांग्रेस सरकार के पास बहुमत का आंकड़ा नजर आ रहा है और इस बात की संभावना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जल्द ही मंत्रिमंडल में फेरबदल करें।
कांग्रेस की दो विधायक दलों की बैठक में शामिस नहीं हुए थे सचिन पायलट
दोनों प्रमुख पदों से हटाए जाने के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पायलट आगे क्या कदम उठाते हैं। कांग्रेस आलाकमान के निर्णय के बाद पायलट ने अपने पहले बयान में कहा कि ''सत्य को परेशान किया जा सकता है, लेकिन पराजित नहीं किया जा सकता।'' पायलट के खिलाफ कार्रवाई के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने नई दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मंत्रणा की। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने पायलट को मनाने का प्रयास किया, लेकिन विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होने के बाद उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की कई। पायलट और उनके समर्थक विधायक सोमवार और मंगलवार को हुईं कांग्रेस विधायक दल की दोनों बैठकों में नहीं पहुंचे। कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद पायलट और उनके समर्थक मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय लिया गया।
सचिन पायलट को राजस्थान के डिप्टी सीएम पद से हटाने के बाद कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पार्टी के फैसला का ऐलान करते हुए मंगलवार कहा कि बीजेपी ने षड़यंत्र के तहत संपूर्ण बहुतम से चुनी गई कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिश की है। इसी बीच सचिन पायलट दिग्भ्रमित होकर, बीजेपी के षड्यंत्र के जाल में उलझ कर कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिश में शामिल हो गए।
सुरजेवाला ने कहा, ''छोटी उम्र में पार्टी ने उन्हें (सचिन पायलट) जो राजनीतिक ताकत दी, वह किसी और को नहीं दी गई थी।' कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 2003 में पायलट ने राजनीति में कदम रखा था। 2004 में उन्हें महज 26 साल की उम्र में कांग्रेस पार्टी सांसद बना देती है। 30 और 32 साल की उम्र में कांग्रेस पार्टी ने उन्हें भारत सरकार का केंद्रीय मंत्री बनाया। 36 की उम्र में राजस्थान जैसे बड़े राज्य का प्रदेश अध्यक्ष पद दिया। 40 साल की उम्र में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बनाया गया। सिर्फ 16-17 साल की राजनीतिक करियर में उन्हें कांग्रेस ने काफी प्रोत्साहित किया। सचिन पायलट को कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का स्नेह हासिल था।''
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, सचिन पायलट के हाथ में कुछ नहीं है, भाजपा पर साधा निशाना
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि बगावत करने वाले सचिन पायलट के हाथ में कुछ नहीं है और वे केवल भाजपा के हाथ में खेल रहे हैं। राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात करने के बाद गहलोत ने मीडिया से बात करते हुए कहा, भाजपा मध्य प्रदेश के खेल को राजस्थान में भी दोहराना चाहती थी और 'यह सब' पिछले छह महीने से चल रहा था।
पायलट व उनके समर्थक विधायकों के हरियाणा के एक होटल में जमा होने की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा,' सचिन पायलट के हाथ में वहां कुछ भी नहीं हैं। वो तो खुद ही, पूरा कुनबा भाजपा के हाथों में खेल रहे हैं ...जो रिजार्ट की व्यवस्था भाजपा की है, प्रबंधन भाजपा का है। इस रूप में वहां खेल चल रहा है। ऐसे खेल में सरकार के सामने आखिर चारा क्या है?'