एक आरटीआई के जवाब में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा है कि देश के प्रधानमंत्री के कपड़ो का खर्च सरकार नहीं उठाती। आरटीआई एक्टिविस्ट रोहित सभरवाल ने साल 1998 से लेकर अबतक के प्रधानमंत्रियों के कपड़ों पर किए गये खर्च के बारे में जानकारी मांगी थी। पीएमओ की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री के कपड़ों पर सरकारी पैसे नहीं लगते हैं। पीएमओ ने अपने जवाब में कहा कि ये जानकारी पर्सनल है, इसका इस्तेमाल सरकारी रिकॉर्ड के लिए नहीं किया जाता है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक रोहित सभरवाल ने नौ दिसंबर 2017 को आरटीआई फाइल किया था। रोहित ने कहा कि वो बस जानना चाहते थे कि 'आम आदमी पार्टी' सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल का पीएम मोदी पर लगाया गए आरोप कितना सही है। पहले रोहित ने सिर्फ पीएम मोदी के बार में आरटीआई डालने का फैसला किया था लेकिन फिर उन्हें बाद में ख्याल आया कि उन्हें बाकी प्रधानमंत्रियों के बारे में भी जानना चाहिए ताकि वो तुलना कर सकें किसी प्रधानमंत्री ने कपड़ों पर ज्यादा खर्च किया है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने 2015 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मिलते वक्त एक सूट पहना था जिसे लेकर विवाद हो गया था। उस सूट पर पीएम मोदी का पूरा नाम 'नरेंद्र दामोदर दास' लिखा हुआ था। विपक्ष ने इस सूट को लेकर जमकर बवाल मचाया था। 20 फरवरी 2015 को गुजरात के व्यापारी लालजीभाई तुलसीबाई पटेल ने 4 करोड़ 31 लाख में इस विवादित सूट को खरीदा लिया था।