अमरावतीः आंध्र प्रदेश से राज्यसभा की चार सीटों के लिए शुक्रवार को मतदान हुआ। देश भर में 19 सीट के लिए मतदान हुआ था। आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस ने सभी 4 सीट पर कब्जा कर लिया। साल 2014 में राज्य के बंटवारे के बाद पहली बार यहां राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव हो रहा है।
सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस ने उम्मीद के मुताबिक आंध्र प्रदेश में राज्यसभा की चारों सीटों पर शुक्रवार को जीत हासिल कर ली। विधानसभा के सूत्रों के मुताबिक वाईएसआर कांग्रेस से उपमुख्यमंत्री पिल्ली सुभाष चंद्र बोस, मंत्री मोपिदेवी वेंकटरमन, उद्योगपति परिमल नाथवानी और रियल इस्टेट कारोबारी अयोध्या रामी रेड्डी विजयी रहे। सभी को 38-38 वोट मिले। संख्या नहीं होने के बावजूद मुकाबले में उतरी विपक्षी तेलगू देशम पार्टी के उम्मीदवार वर्ला रामैया को विधानसभा में 23 की संख्या रहने के बावजूद 17 वोट मिले।
विपक्षी तेलगू देशम पार्टी के एक उम्मीदवार चुनावी मैदान में था। इसकी हार के साथ ही चंद्रबाबू नायडू को झटका लगा। राज्य की 175 सदस्यीय विधानसभा में 151 विधायकों और तेदेपा तथा जन सेना के चार ‘बागी’ विधायकों के कारण वाईएसआर कांग्रेस आराम से चारों सीटें जीत ली। आंध्र प्रदेश से राज्यसभा की सीट के लिए किसी उम्मीदवार को न्यूनतम 36 मत चाहिए था। तेदेपा के पास 23 विधायकों में 20 सदस्यों का ही साथ है, ऐसे में उसके उम्मीदवार के जीतने की संभावना कम हो गई थी। उसके कई विधायक वाईएसआर कांग्रेस में चले गए थे।
द्विवार्षिक चुनाव 26 मार्च को ही होने वाला था लेकिन कोविड-19 के कारण देशभर में लॉकडाउन के कारण बाद में 19 जून की तारीख निर्धारित की गयी। संसद के ऊपरी सदन में आंध्र प्रदेश से 11 में से चार सीटें नौ अप्रैल को खाली हुई थी। निर्वतमान सदस्यों का छह साल का कार्यकाल खत्म होने के बाद ये सीटें रिक्त हुई थी। वैसे तो यहां निर्विरोध ही चुनाव हो जाता लेकिन मुकाबले में पांच उम्मीदवारों के होने के कारण मतदान कराना पड़ा।
इसमें वाईएसआर कांग्रेस के चार और विपक्षी तेलगू देशम पार्टी के एक उम्मीदवार था। शुक्रवार को चुनाव के बाद वाईएसआर कांग्रेस की क्षमता राज्यसभा में दो से बढ़कर छह हो गई। वाईएसआर कांग्रेस से उपमुख्यमंत्री पिल्ली सुभाष चंद्र बोस, मंत्री मोपिदेवी वेंकट रमन राव, रियल इस्टेट कारोबारी ए अयोध्या रामी रेड्डी और रिलायंस इंडस्ट्रीज के सीनियर ग्रुप अध्यक्ष परिमालनाथवानिआरे मुकाबले में हैं। तेदेपा ने अनुसूचित जाति का कार्ड खेलते हुए पोलित ब्यूरो सदस्य वर्ला रामैया को मैदान में उतारा था।
इनपुट भाषा से