जयपुर: आज सवेरे से राजस्थान में राज्यसभा की 3 सीटों के लिए शुरू हुआ मतदान 5 बजे पूर्ण हो गया। विधानसभा में मतदान के लिए भाजपा और उनके सहयोगी सर्वप्रथम बस के द्वारा पहुंचे और उनके बाद सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के विधायक बसों से यहां पहुंचे।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वोट डालकर कांग्रेस की ओर से मतदान की शुरूआत की।राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित कांग्रेस के अनेक नेता और मंत्री मतदान कर चुके हैं इससे पूर्व मतदान के लिए यहां पहुंचे मुख्यमंत्री एवं अन्य विधायकों यहां स्क्रीनिंग की गई।
मतों की गिनती शुरू हो गई है। कांग्रेस के दोनों प्रत्याक्षी केसी बेणुगोपाल और नीरज डांगी का राज्यसभा सांसद बनना तय है। वहीं भाजपा के राजेन्द्र गहलोत की जीत भी तय है।राजस्थान में विधायकों के संख्या बल को देखते हुए कांग्रेस को दो और भारतीय जनता पार्टी को एक सीट मिलना तय माना जा रहा है।
दोनों ही पार्टियों ने दो दो उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने जहां केसी बेणुगोपाल और नीरज डांगी को अपना प्रत्याशी बनाया हैं वहीं भाजपा ने राजेन्द्र गहलोत और ओंकार सिंह लखावत पर दाव लगाया है।
वोटों के गणित की नजर से समझे तो एक प्रत्याशी को जीत के लिए 51 वोट चाहिए। जबकि के पास उनके सहयोगियों के साथ 122 वोट होंगे। वहीं भाजपा और आरएलपी के पास 75 वोट है। ऐसे में कांग्रेस के दो और भाजपा की एक सीट पर जीत तय है। ऐसे में भाजपा के राजेन्द्र गहलोत की जीत होगी।
मध्यप्रदेश में भाजपा ने राज्यसभा की दो सीटें जीती हैं-
मध्यप्रदेश में राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को झटका लगा है। मध्य प्रदेश से राज्यसभा की तीन रिक्त सीटों के लिये मतदान शुक्रवार सुबह नौ बजे से विधानसभा परिसर में शुरू हुआ था। दो पर बीजेपी और एक सीट पर कांग्रेस की जीत ने जीत दर्ज की है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस छोड़ने से पार्टी को झटका लगा। राज्यसभा में एक सीट का नुकसान हुआ। भाजपा ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी को उम्मीदवार बनाया है जबकि कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और वरिष्ठ दलित नेता फूल सिंह बरैया उम्मीदवार था।
मध्य प्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं और फिलहाल 24 सीटें रिक्त होने की वजह से विधानसभा की प्रभावी संख्या 206 है। इसमें भाजपा के 107, कांग्रेस के 92, बसपा के दो, सपा का एक तथा चार निर्दलीय विधायक हैं। इस स्थिति में राज्यसभा में निर्वाचन के लिए किसी भी उम्मीदवार को 52 मतों की जरूरत थी।