नई दिल्लीः कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ईंधन एवं गैस की बढ़ती कीमत और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की बिक्री को लेकर रविवार को केंद्र सरकार की आलोचना की.
गांधी ने ट्वीट किया, ''केंद्र सरकार की दोनों हाथों से दिनदहाड़े लूट... नंबर एक, गैस-डीजल-पेट्रोल पर भारी कर की वसूली. नंबर दो, मित्रों को पीएसयू-पीएसबी बेचकर जनता से उसकी हिस्सेदारी, रोजगार एवं सुविधाएं छीनना. प्रधानमंत्री का एक ही कायदा, देश फूंककर मित्रों का फायदा.''
बता दें कि महंगाई और रोजगार के मुद्दे पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अक्सर मोदी सरकार पर निशाना साधते रहे हैं. ट्विटर पर वह मोदी सरकार पर हमला बोलते रहते हैं. कांग्रेस ने अब ईंधन की बढ़ती कीमतों पर सरकार को निशाने पर लिया है. ईंधन मूल्यवृद्धि के खिलाफ देशभर में प्रदर्शनों का दौर भी जारी है.
इससे पहले कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस और कुछ अन्य खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ सोशल मीडिया अभियान शुरू किया. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोगों से 'स्पीकअप अंगेस्ट प्राइज राइज' अभियान से जुड़कर महंगाई के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की थी.
उन्होंने आह्वान किया था कि महंगाई एक अभिशाप है. केंद्र सरकार सिर्फकर वसूलकर कमाई करने के लिए जनता को महंगाई के दलदल में धकेलती जा रही है. देश के विनाश के खिलाफ अपनी आवाज उठाइए. शर्म आनी चाहिए कांग्रेस ने कहा था कि इस सरकार को शर्म आनी चाहिए.
पूरी अर्थव्यवस्था ठप हो चुकी है. बेरोजगारी मुंह बाए खड़ी है. इनके कुप्रबंधन के चलते लोगों को वेतन घटता जा रहा है. अब सरकार कमरतोड़ महंगाई का प्रहार कर रही है. राहुल ने इस दौरान ट्वीट किया था, 'रोजगार बंद महंगाई बुलंद सरकार मस्त, आंखें बंद.'
21 लाख करोड़ की मुनाफा वसूली कांग्रेस ने दावा किया है कि सरकार ने 2014 में सत्ता में आने के बाद से पेट्रोलियम उत्पादों पर कर लगाकर 21 लाख करोड़ रु पए से अधिक की राशि एकत्र की है. कांग्रेस ने पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती कीमतों को लेकर संसद की कार्यवाही बाधित की और इस मामले पर चर्चा की मांग की.