संसद मानसून सत्रः अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखा पत्र, प्रश्नकाल, शून्यकाल का वक्त कम नहीं करने की अपील

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 28, 2020 05:31 PM2020-08-28T17:31:15+5:302020-08-28T17:31:15+5:30

लोकसभा में कांग्रेस के नेता ने बिरला को दो पेज के पत्र में यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि कार्यवाही के दो महत्वपूर्ण हिस्सों का वक्त नहीं कम किया जाए। चौधरी ने सांसदों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कार्यवाही के सुचारू संचालन के लिए सभापति द्वारा किए जा रहे प्रयासों को ‘‘पूरी तरह से सराहनीय’’ बताया।

Parliament monsoon session Adhir Ranjan Chaudhary wrote letter Lok Sabha Speaker Om Birla pleading for not reducing the time of Question Hour | संसद मानसून सत्रः अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखा पत्र, प्रश्नकाल, शून्यकाल का वक्त कम नहीं करने की अपील

चुने गए प्रतिनिधियों के लिए और वह भी वर्तमान वक्त को देखते हुए सही नहीं होगा। (file photo)

Highlightsप्रश्न काल और शून्य काल का वक्त कम करने के प्रस्ताव पर असहमति जताई और कहा कि इससे सांसद राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों को नहीं उठा पाएंगे।समय आवंटन पर पाबंदी लगाने के साथ ही सदस्यों द्वारा दायर किए जा सकने वाले नोटिसों की संख्या को सीमित करके किया जाएगा।शून्य काल में जनहित के मुद्दों को उठाना सदस्यों को हासिल प्रक्रियागत तरीकों में अहम है जिससे वे राष्ट्रीय और जनहित से जुड़े मुद्दों को उठाते हैं।

कोलकाताः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को शुक्रवार को पत्र लिख संसद के आगामी सत्र में प्रश्न काल और शून्य काल का वक्त कम करने के प्रस्ताव पर असहमति जताई और कहा कि इससे सांसद राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों को नहीं उठा पाएंगे।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता ने बिरला को दो पेज के पत्र में यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि कार्यवाही के दो महत्वपूर्ण हिस्सों का वक्त नहीं कम किया जाए। चौधरी ने सांसदों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कार्यवाही के सुचारू संचालन के लिए सभापति द्वारा किए जा रहे प्रयासों को ‘‘पूरी तरह से सराहनीय’’ बताया।

संसद का सत्र 14 सितंबर से शुरू हो रहा है। चौधरी ने कहा,‘ ऐसा प्रतीत होता है कि सत्र के दौरान प्रश्न काल और शून्य काल का वक्त कम करने का प्रस्ताव है और यह समय आवंटन पर पाबंदी लगाने के साथ ही सदस्यों द्वारा दायर किए जा सकने वाले नोटिसों की संख्या को सीमित करके किया जाएगा।’

उन्होंने कहा,‘‘ आप इस तथ्य को सराहेंगे कि संसद में प्रश्न उठाना और शून्य काल में जनहित के मुद्दों को उठाना सदस्यों को हासिल प्रक्रियागत तरीकों में अहम है जिससे वे राष्ट्रीय और जनहित से जुड़े मुद्दों को उठाते हैं।’’ उन्होंने कहा कि मुद्दों और वक्त को सीमित करना ‘‘ चुने गए प्रतिनिधियों के लिए और वह भी वर्तमान वक्त को देखते हुए सही नहीं होगा।’’

अधीर रंजन ने लोकसभा अध्यक्ष से सदस्यों के प्रश्न पूछने के अधिकार में कटौती नहीं करने का आग्रह किया

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर आग्रह किया कि संसद के आगामी मानसून सत्र में सदस्यों के प्रश्न पूछने और मुद्दे उठाने के अधिकार में कटौती नहीं की जाए। संसद का मानसून सत्र आगामी 14 सितंबर से आरंभ हो सकता है।

बिरला को लिखे पत्र में चौधरी ने कहा कि प्रश्नकाल और शून्य काल में कटौती करना जन प्रतिनिधियों के हित में नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि इस सत्र के दौरान समय के आवंटन और सदस्यों की ओर से दिए जाने वाले नोटिस की संख्या को सीमित करके प्रश्नकाल और शून्यकाल में कटौती का प्रस्ताव है।’’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैं आपसे आग्रह करता हूं कि प्रश्नकाल और शून्यकाल में कोई कटौती नहीं हो। सदस्यों को प्रश्न पूछने और मुद्दे उठाने का मौका दिया जाए, जैसे सामान्य तौर पर होता है।’’ गौरतलब है कि लोकसभा में प्रश्नकाल सुबह 11 बजे से 12 बजे के बीच होता है जिसमें सदस्य मंत्रियों से संबंधित विभागों से जुड़े प्रश्न पूछते हैं। इसके बाद शून्यकाल होता है जिसमें सदस्य अपने क्षेत्र अथवा जनहित के दूसरे मुद्दे उठाते हैं। 

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