'लाभ का पद' मामला: HC का EC को निर्देश, उपचुनाव के लिए जल्दबाजी ना करें
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: January 24, 2018 16:26 IST2018-01-24T16:25:50+5:302018-01-24T16:26:47+5:30
दिल्ली होई कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि इस मामले में अगली सुनवाई तक उपचुनाव के संबंध में कोई आदेश जारी ना किया जाए।

'लाभ का पद' मामला: HC का EC को निर्देश, उपचुनाव के लिए जल्दबाजी ना करें
आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द किए जाने के मामले में बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि इस मामले में अगली सुनवाई तक उपचुनाव के संबंध में कोई आदेश जारी ना किया जाए। अगली सुनवाई के लिए सोमवार का दिन निर्धारित किया गया है। हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रपति के आदेश पर किसी भी तरह की रोक लगाने से मना कर दिया है।
चुनाव आयोग की सिफारिश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी थी। राष्ट्रपति के इस फैसले के खिलाफ विधायकों ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। विधायकों ने अपनी याचिका में कहा गया कि इस मामले में कार्रवाई से पहले चुनाव आयोग ने हमारा पक्ष ही नहीं सुना।
20 AAP MLAs case: Delhi High Court also seeks reply of all respondents including the Election Commission of India (ECI) on the plea of disqualified MLAs
— ANI (@ANI) January 24, 2018
2015 में आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को संसदीय सचिव के पद पर नियुक्ति की थी। वकील प्रशांत पटेल ने राष्ट्रपति से इन विधायकों के पास लाभ का पद उठाने की बात कही थी। इसके बाद इन नियुक्तियों को हाई कोर्ट ने असंवैधानिक बताकर रद्द कर दिया था। याचिकाकर्ता प्रशांत पटेल का कहना है कि नियुक्ति और हाईकोर्ट का फैसला आने के बीच कुछ महीने आप के ये विधायक लाभ के पद पर रहे थे। इसमें विधायक जनरैल सिंह से आरोप हटा दिए गए थे क्योंकि उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए विधायक के पद से इस्तीफा दे दिया था।