AAP के 'अयोग्य' विधायकों ने हाईकोर्ट से वापस ली याचिका, सदस्यता रद्द पर रोक लगाने के लिए लगाई थी गुहार

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: January 22, 2018 18:21 IST2018-01-22T17:26:56+5:302018-01-22T18:21:56+5:30

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी है। इस याचिका में पार्टी के सभी अयोग्य विधायकों के फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई थी।

Office of Profit case: AAP MLA withdraw plea on disqualification | AAP के 'अयोग्य' विधायकों ने हाईकोर्ट से वापस ली याचिका, सदस्यता रद्द पर रोक लगाने के लिए लगाई थी गुहार

AAP के 'अयोग्य' विधायकों ने हाईकोर्ट से वापस ली याचिका, सदस्यता रद्द पर रोक लगाने के लिए लगाई थी गुहार

आम आदमी पार्टी ने सोमवार को 20 विधायकों के लाभ के पद मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इलेक्शन कमीशन की सिफारिश स्वीकार करते हुए आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य करार दिया गया था। इस याचिका में पार्टी के सभी अयोग्य विधायकों के फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई है। माना जा रहा है कि पार्टी नए सिरे से याचिका दायर करेगी।

राष्ट्रपति चुनाव आयोग की सिफारिश को अपनी मंजूरी दे चुके हैं, इसलिए अब यह याचिका निरर्थक है। ऐसे में विधायकों ने इस याचिका को वापस ले लिया है। इसके पहले जो मूल याचिका हाई कोर्ट में दायर की गई थी, उस पर सुनवाई जारी रहेगी। उसके लिए 20 मार्च की तारीख तय की गई है।


इधार, आप के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित करने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने ट्वीट किया कि, 'ऊपर वाले ने 67 सीट कुछ सोच कर ही दी थीं। हर कदम पर ऊपर वाला आम आदमी पार्टी के साथ है, नहीं तो हमारी औकात ही क्या थी। बस सच्चाई का मार्ग मत छोड़ना।

आम आदमी पार्टी के नेताओं ने भी राष्ट्रपति पर भी सवाल खड़े किए। आप पार्टी विधायक सोमनाथ भारती ने कहा था कि, 'पता चला है कि राष्ट्रपति भवन ने देश के हित में रविवार को छुट्टी के दिन 20 आप विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया। उम्मीद है कि हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट इस मामले में दखल देंगें और 'मोदीफाइड राष्ट्रपति और मुख्य चुनाव आयुक्त' के ऐसे सभी बर्बर और अलोकतांत्रिक फैसलों को पलट देंगे।'

बता दें कि आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया है। चुनाव आयोग की ओर से की गई सिफारिश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी। 'लाभ का पद' के मामले में इन सभी विधायकों को दोषी पाया गया, जिसके बाद इन्हें अयोग्य घोषित किया गया। इससे पहले चुनाव आयोग की कार्रवाई के बाद आम आदमी पार्टी ने हाई कोर्ट से गुहार लगाई थी। उच्च न्यायालय ने इस मामले में किसी भी तरीके की फौरी राहत देने से इनकार कर दिया था। 

Web Title: Office of Profit case: AAP MLA withdraw plea on disqualification

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