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Maharashtra ki khabar:एनसीपी प्रमुख शरद पवार की दो बैठकों से महाराष्ट्र में सियासी तूफान, क्या खतरे में उद्धव सरकार!

By अजीत कुमार सिंह | Updated: May 26, 2020 17:49 IST

मराठा छत्रप एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की दो बैठकों ने सूबे का सियासी पारा चढ़ा दिया है. लॉकडाउन को लेकर एक्जिट पॉलिसी पर महाविकास अघाड़ी गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है!

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ठळक मुद्देराणे ने आरोप लगाया गया कि शिवसेना के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार कोविड 19 संकट से निपटने में विफल रही है. सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी में कथित अनबन की खबरों के बीच सोमवार को भाजपा नेता नारायण राणे ने भी राज्यपाल से भी मुलाकात की।

मुंबई/नई दिल्लीः देश में महाराष्ट्र कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा बुरी तरह प्रभावित है. कोरोनावायरस के साथ जंग के साथ साथ महाराष्ट्र में राजनीतिक जंग भी जारी है.

मराठा छत्रप एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की दो बैठकों ने सूबे का सियासी पारा चढ़ा दिया है. इन बैठकों की वजह से ये चर्चा शुरू हो गयी कि लॉकडाउन पर एक्जिट पॉलिसी पर महाविकास अघाड़ी गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. कल शाम शरद पवार ने मातोश्री में उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी. बैठकों के इस दौर के पहले और इस बीच महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने की अटकलें जोरों पर हैं.  मीडिया रिपोर्ट के हवाले से ऐसा माना जा रहा है कि शरद पवार उद्धव ठाकरे के लॉकडाउन खत्म नहीं करने के फैसले से नाखुश हैं. लेकिन महाराष्ट्र सरकार को खतरे के सवाल पर शरद पवार ने निजी टीवी चैनल एनडीटीवी से कहा कि महाराष्ट्र सरकार को कोई खतरा नहीं हैं.

सभी विधायक हमारे साथ हैं. शरद पवार ने कहा कि देवेंद्र फड़नवीस बेसब्र हो रहे हैं. शरद पवार ने पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस पर तंज करते हुए कहा, जिन्होंने पिछले साल सत्ता में वापसी की गुपचुप कोशिश की थी. शिवसेना ने भी ऐसी रिपोर्टों को खारिज कर दिया और भाजपा पर सत्ता के लिए हताशा में अफवाहें फैलाने का आरोप लगाया है.

शिवसेना नेता संजय राउत ने ट्वीट किया " शरद पवार और उद्धव ठाकरे के बीच मातोश्री में एक-डेढ़ घंटे तक चर्चा हुई. अगर कोई सरकार की स्थिरता के बारे में खबरें फैला रहा है, तो यह उनका पेट दर्द है". सरकार मजबूत है. कोई चिंता नहीं. जय महाराष्ट्र !!" 

तो आखिर धुआं उठ कहां से रहा है. दरअसल मातोश्री में उद्धव ठाकरे के साथ मीटिंग के 1 घंटा पहले शरद पवार ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की थी. इस बैठक में एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल भी पवार के साथ लेकिन वो इस बैठकों के इस क्रम और दौर को सामान्य करार देते हैं. पटेल ने कहा कि पवार साहब और राज्यपाल के बीच ये शिष्टाचार मुलाकात थी. राज्यपाल ने पावर साहब को चाय पर बुलाया था. बस हमने उनके संग चाय पी. इस बैठक में कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई. 

लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हुई बल्कि यहीं से शुरू हुई हैं. प्रफुल्ल पटेल का ने एक और बयान दिया था जिसमें उन्होंने रेल मंत्री पीयूष गोयल की तारीफ करते हुए कहा था कि वो अच्छा काम कर रहे हैं. सारे बवाल की जड़ इसकी टाइमिंग में छुपी है. एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने पीयूष गोयल की तारीफ उस दिन की थी जिस दिन रेल मंत्री ने महाराष्ट्र से प्रवासियों के लिए चलने वाली ट्रेनों को लेकर उद्धव ठाकरे पर जबरदस्त हमला किया था.

कहानी यही नहीं खत्म होती, जब उद्धव ठाकरे और शिवसेना रेल मंत्रालय पर लगातार आरोप लगा रहे थे कि प्रवासी मजदूरों को वापस ले जाने कि लिए उन्होंने पर्याप्त ट्रेनें नहीं भेजी तब एनसीपी ने चुप्पी साध ली थी. एनसीपी सुप्रीमों शरद पवार की महाविकास अघाड़ी सरकार बनने के बाद राज्यपाल से ये पहली मुलाकात थी. इस मुलाकात इसलिए भी चर्चा में है क्यों कि शरद पवार राज्यपाल भगत कोश्यारी की प्रशासन में हस्तक्षेप के आरोप लगाकर आलोचना करते रहे हैं. हाल ही में राज्यपाल ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को राज्य मंत्री उदय सामंत के पत्र पर आपत्ति जताई थी, जिसमें उन्होंने विश्वविद्यालय परीक्षाओं को रद्द करने की सिफारिश की थी. 

इन सबके बीच उद्धव दोनों ओर से घिरे हुए हैं. सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी में कथित अनबन की खबरों के बीच सोमवार को भाजपा नेता नारायण राणे ने भी राज्यपाल से भी मुलाकात की और राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग की थी. राणे ने आरोप लगाया गया कि शिवसेना के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार कोविड 19 संकट से निपटने में विफल रही है. 

लेकिन दूसरी तरफ एनसीपी नेता नवाब मलिक के बयान कुछ और ही कहानी बयां करते हैं. राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की अफवाह पर राज्य मंत्री नवाब मलिक का कहना है कि महाविकास अघाड़ी सरकार मजबूत है और अपना कार्यकाल पूरा करेगी. नवाब मलिक ने कहा कि विधायकों की संख्या महाविकास अघाड़ी के पक्ष में हैं, तीनों पार्टियां शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस एक साथ हैं. लेकिन बीजेपी के नेता पिछले कुछ दिनों से अफवाह फैला रहे हैं कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगेगा और यह सरकार गिरेगी. मलिक अपनी सरकार की पीठ ठोंकते हुए कहते हैं कि महाराष्ट्र सरकार कोविड-19 से लड़ने में केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन कर रही हैं. मलिक ने दावा किया कि देश में सबसे ज्यादा लोगों की जांच महाराष्ट्र में हुई है. 

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