'जनता हार गई, बीजेपी जीत गई', कमलनाथ के इस्तीफे के ऐलान के बाद MP कांग्रेस का ट्वीट
By पल्लवी कुमारी | Published: March 20, 2020 01:15 PM2020-03-20T13:15:22+5:302020-03-20T13:15:22+5:30
Kamalnath Government: मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के त्यागपत्र देने से सियासी संकट पैदा हुआ है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका तब लगा जब उनके युवा नेता ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया ने ज 10 मार्च को इस्तीफा दे दिया और 11 मार्च को बीजेपी में शामिल हो गए।
भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। भोपाल सीएम हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कमलनाथ ने कहा कि वह राज्यपाल को मिलकर आज अपना इस्तीफा देंगे। अपने विदाई भाषण में कमलनाथ ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में आज फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया था लेकिन उसके पहले ही सीएम कमलनाथ ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। कमलनाथ के इस्तीफे के ऐलान के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा, 'जनता हार गई, बीजेपी जीत गई'।
जनता हार गई,
— MP Congress (@INCMP) March 20, 2020
बीजेपी जीत गई।
जानें कमलनाथ ने अपने आखिरी विदाई भाषण में क्या-क्या कहा?
कमलनाथ ने कहा- मैंने हमेशा सिद्धांतों व मूल्यों का पालन किया है... इसलिए मैंने निर्णय लिया है कि मैं राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दूंगा।
कमलनाथ के अपने इस्तीफे के ऐलान के पहले कहा, पिछले 15 महीने का काम गिनाकर बीजेपी को कोस रहे हैं सीएम कमलनाथ। अपने सरकार को अस्थिर करने का बीजेपी पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी नहीं चाहती थी कि राज्य सरकार अच्छा काम करे।
कमलनाथ ने कहा, 15 महीने में हमारे ऊपर किसी प्रकार के घोटाले या भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा सकते हैं। प्रदेश की जनता ने देखा कि इतने महीने में क्या हुआ है। विकास के पथ पर ना हम रुकेंगे झुकेंगे।
सीएम कमलनाथ ने कहा- बीजेपी ने किसानों के साथ धोखा किया। हमने कोई छोटी घोषणाएं नहीं की थी।
समझे आखिर क्यों गिर गई मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के त्यागपत्र देने से सियासी संकट पैदा हुआ है। इनमें से छह के इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष ने मंजूर कर लिए हैं जबकि अन्य 16 के इस्तीफे अब तक मंजूर नहीं हुए हैं। यदि इन 16 बागी विधायकों में से कम से कम 13 बागी विधायक कांग्रेस के पक्ष में होते तो उनकी सरकार बच सकती थी।