केन्द्रीय विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किसानों को मवाली कहने वाले अपने बयान को लेकर माफी मांगी है। गुरुवार दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तीन नए कृषि कानूनों पर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर बयान दिया था जिसके बाद उनके इस बयान की चौतरफा आलोचना हुई थी। मीनाक्षी लेखी ने अपने बयान को तोड़मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस का किसानों से कोई लेना-देना ही नहीं था।
मीनाक्षी लेखी ने अपने बयान पर माफी मांगी
मीनाक्षी लेखी ने कहा कि मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया है। उन्होंने कहा कि मेरे किसानों से संबंधित बयानों से किसी को दुख पहुंचा है तो मैं अपने शब्द को वापस लेती हूं। केन्द्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस पेगासस के खुलासे पर थी और उस दौरान यह सवाल किया गया कि 26 जनवरी को जो अपमान किया गया उस पर आपका क्या कहना है। मीनाक्षी लेखी के मुताबिक इस पर उन्होंने कहा कि ये किसानों का काम नहीं हो सकता है। ये मवाली लोग ही कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह के लोगों के साथ खड़ा होना पसंद नहीं करती हूं जो लाल किले को अपमानित करे।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मांगा लेखी का इस्तीफा
मीनाक्षी लेखी के किसानों को 'मवाली' करार दिए जाने के बाद किसान नेताओं के साथ-साथ पंजाब के मुख्यमंत्री ने भी उन पर जोरदार हमला बोला। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इसे बीजेपी की किसान विरोधी मानसिकता करार दिया। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा- पत्रकारों पर हमला निंदनीय है। लेकिन मीनाक्षी लेखी को किसानों को अपमानित करने का कोई अधिकार नहीं है। अमरिंदर सिंह ने मीनाक्षी लेखी से मंत्री के पद से इस्तीफे तक की मांग कर ली।
इससे पहले, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों के लिए इस तरह की टिप्पणी करना गलता है, हम किसान है न कि मवाली।