महाराष्ट्र विधान परिषद चुनावः खड़से, पंकजा मुंडे के बाद पूर्व मंत्री राम शिंदे बगावत पर उतरे, भाजपा में असंतोष जारी
By भाषा | Published: May 14, 2020 08:36 PM2020-05-14T20:36:38+5:302020-05-14T20:36:38+5:30
महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में सभी प्रत्याशी निर्विरोध चुन लिए गए हैं। राज्य के मुख्यमंत्री सहित 8 अन्य उम्मीदवार को आयोग ने विजेता घोषिच किया। 9 सीट पर नौ प्रत्याशी ही मैदान में थे।
मुंबईः भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खड़से के बाद पार्टी के एक और नेता तथा महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री राम शिंदे ने 21 मई को होने वाले विधान परिषद चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर असंतोष जताया है।
भाजपा ने महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव की चार सीटों के लिये रमेश कराड, गोपीचंद पाडलकर, प्रवीण दतके और रंजीतसिंह मोहिते को उम्मीदवार बनाया है। नौ सीटों पर होने वाले चुनाव के लिये नौ ही उम्मीदवार बचे हैं, लिहाजा सभी को विजेता घोषित कर दिया गया।
राम शिंदे को पिछले साल नवंबर में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में करजात-जामखेड़ सीट से राकांपा उम्मीदवार रोहित पवार के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा था। हाल ही में उन्होंने विधान परिषद चुनाव के लिये अपनी उम्मीदवारी की इच्छा जतायी थी, लेकिन अंतिम सूची में उनका नाम नहीं आया। मंगलवार को अंतिम समय पर हुए नाटकीय घटनाक्रम में भाजपा ने डॉक्टर अजित गोपछड़े से लातूर से आने वाले रमेश कराड के लिये नामांकन वापस लेने के लिये कहा था।
कराड पहले ही नामांकन पत्र दाखिल कर चुके थे। कराड को भाजपा की पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे का करीबी माना जाता है। पंकजा को पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में पर्ली सीट से हार का सामना करना पड़ा था। राम शिंदे ने बुधवार को अपने फेसबुक पोस्ट में कहा, ''भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा था कि जिन लोगों को विधान परिषद चुनाव के लिये टिकट नहीं मिला है, उन्हें इस फैसले को समझना और इससे सीखना चाहिये।''
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, ''मुझे लगता है कि पंकजाताई मुंडे ने अपना गुणा-भाग सही ढंग से किया और रमेश कराड अंतिम चार उम्मीवारों में जगह बनाने में कामयाब रहे। मैं और कुछ अन्य लोग अपने पत्ते उस तरह से नहीं खेल सके।'' इससे पहले भाजपा के ही एक वरिष्ठ नेता एकनाथ खड़से ने भी विधान परिषद चुनाव के लिये टिकट नहीं मिलने पर नाराजगी जतायी थी।