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शिवसेना से हाथ बढ़ाते दिखे महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष पाटिल, कहा-बना सकते हैं सरकार, नहीं लड़ेंगे साथ चुनाव

By भाषा | Updated: July 28, 2020 19:06 IST

‘‘अगर भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व प्रदेश के हित में राज्य ईकाई को शिवसेना के साथ गठबंधन करने को कहता है... मैं एक बात स्पष्ट कर दूं कि यदि दोनों पार्टियां (भाजपा और शिवसेना) साथ आ भी जाती हैं, तो भी हम भविष्य में साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ेंगे।’’

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ठळक मुद्देअगर वह ऐसा करती है तो उसे बिहार और हरियाणा जैसे राज्यों में भी यही फॉर्मूला अपनाना होगा। शिवसेना ने राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर महा विकास आघाड़ी (एमवीए) का गठन किया और इस सरकार के मुख्यमंत्री शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे बने। मंत्री पद साझा करने को तैयार थे, लेकिन राष्ट्रीय दल होने के नाते भाजपा किसी क्षेत्रीय पार्टी के साथ मुख्यमंत्री पद नहीं बांट सकती।

मुंबईः भाजपा के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चन्द्रकांत पाटिल गठबंधन से दूर हुए सहयोगी दल शिवसेना की ओर मंगलवार को हाथ बढ़ाते दिखे।

हालांकि मुख्यमंत्री पद पर उन्होंने पूर्व के रुख को दोहराया और कहा कि भाजपा यह पद किसी क्षेत्रीय पार्टी के साथ साझा नहीं करेगी। गौरतलब है कि पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने सोमवार को ही पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा था कि वे महाराष्ट्र में अपने बूते पर सरकार बनाने की कोशिश में जुट जाएं।

पाटिल ने कहा कि राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते भाजपा मुख्यमंत्री का पद किसी क्षेत्रीय पार्टी के साथ साझा नहीं करेगी क्योंकि अगर वह ऐसा करती है तो उसे बिहार और हरियाणा जैसे राज्यों में भी यही फॉर्मूला अपनाना होगा। महाराष्ट्र भाजपा के प्रमुख पाटिल ने एक मराठी समाचार चैनल से कहा, ‘‘अगर भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व प्रदेश के हित में राज्य ईकाई को शिवसेना के साथ गठबंधन करने को कहता है... मैं एक बात स्पष्ट कर दूं कि यदि दोनों पार्टियां (भाजपा और शिवसेना) साथ आ भी जाती हैं, तो भी हम भविष्य में साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ेंगे।’’

भाजपा और उसके पुराने सहयोगी शिवसेना ने 2019 का विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था

भाजपा और उसके पुराने सहयोगी शिवसेना ने 2019 का विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों के बीच मतभेद हुआ और शिवसेना ने गठबंधन का साथ छोड़ दिया। उसके बाद शिवसेना ने राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर महा विकास आघाड़ी (एमवीए) का गठन किया और इस सरकार के मुख्यमंत्री शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे बने।

मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा का रुख स्पष्ट करते हुए पाटिल ने कहा, ‘‘हम पिछले पांच साल शिवसेना के साथ काफी उदार रहे। यहां तक कि 2019 विधानसभा चुनाव के बाद हम पार्टी के साथ और मंत्री पद साझा करने को तैयार थे, लेकिन राष्ट्रीय दल होने के नाते भाजपा किसी क्षेत्रीय पार्टी के साथ मुख्यमंत्री पद नहीं बांट सकती।’’

एक तरह से पार्टी की मजबूरी समझाते हुए पाटिल ने कहा, अगर हम ऐसा करते हैं तो बिहार, हरियाणा और अन्य राज्यों में भी हमें ऐसा ही करना होगा। गौरतलब है कि इन राज्यों में भाजपा क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर सत्ता में है। नड्डा ने सोमवार को महाराष्ट्र में पार्टी कार्यकर्ताओं को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा था कि वे अपने बूते पर राज्य में पार्टी की सरकार बनाने की कोशिश में जुट जाएं।

टॅग्स :मुंबईभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)कांग्रेसशिव सेनाशरद पवारचंद्रकांत पाटिलदेवेंद्र फड़नवीसउद्धव ठाकरे
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