विकास दुबे अरेस्टः लखनऊ नंबर की गाड़ी से महाकाल मंदिर पहुंचा था, प्लेट पर हाईकोर्ट लिखा है, मनोज यादव के नाम पर रजिस्टर्ड
By बृजेश परमार | Published: July 9, 2020 05:06 PM2020-07-09T17:06:35+5:302020-07-09T17:06:35+5:30
उज्जैन के कलेक्टर ने मीडिया को जानकारी दी है कि महाकाल मंदिर की सुरक्षा में लगी निजी सुरक्षा एजेंसी एस आई एस के गार्ड ने विकास दुबे को पहचाना।उसकी सतर्कता की बजह से ही विकास पकड़ा गया।कलेक्टर ने सुरक्षा एजेंसी की प्रशंसा भी की है।
उज्जैनः कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाला विकास दुबेउत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की पुलिस से भले ही बच गया हो लेकिन वह भाजपा के एक राज्यसभा सदस्य की सुरक्षा एजेंसी की "गिरफ्त" से खुद को नही बचा पाया।
उज्जैन के कलेक्टर ने मीडिया को जानकारी दी है कि महाकाल मंदिर की सुरक्षा में लगी निजी सुरक्षा एजेंसी एस आई एस के गार्ड ने विकास दुबे को पहचाना। उसकी सतर्कता की बजह से ही विकास पकड़ा गया। कलेक्टर ने सुरक्षा एजेंसी की प्रशंसा भी की है।
उधर सूत्रों की माने तो यह सुरक्षा एजेंसी भाजपा के एक राज्यसभा सदस्य की है। बिहार से आने बाले उक्त सांसद की सुरक्षा एजेंसी पूरे देश में बड़े बड़े संस्थानों की सुरक्षा का जिम्मा संभाले हुए हैऔर तो और दुनिया को सुरक्षा देने वाले महाकाल बाबा के मंदिर की सुरक्षा भी इसी एजेंसी के जिम्मे है।
एक आम आदमी के नाते पहली बात जो समझ में आती है वह यह कि यह सुरक्षा एजेंसी बहुत ही पेशेवर ढंग से काम करती है। जो काम उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की पुलिस नही कर पाई वह काम इस एजेंसी के साधारण गार्ड ने कर दिया। उक्त एजेंसी को तो देश की पुलिस को ट्रेनिंग देने का काम सौंपा जाना चाहिए। कांग्रेस आरोप लगा रही है कि मिलीभगत से विकास ने आत्मसमर्पण किया है।
वह मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के कानपुर कनेक्शन का भी जिक्र कर रही है। मिश्रा को भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह ने 2017 के विधानसभा चुनाव में कानपुर क्षेत्र का प्रभारी बनाया था। मिश्रा शाह की उम्मीदों पर खरे भी उतरे थे। कहने वाले कुछ भी कहें लेकिन यह तो साफ है कि भाजपा सरकारें भले न पकड़ पायीं हों पर एक सांसद की सुरक्षा एजेंसी ने विकास को पकड़ लिया।