लगातार 16वें दिन पेट्रोल-डीजल महंगा, कमलनाथ ने शिवराज सरकार को दी चेतावनी, दाम कम करो नहीं तो आंदोलन
By शिवअनुराग पटैरया | Published: June 22, 2020 07:30 PM2020-06-22T19:30:26+5:302020-06-22T19:30:26+5:30
पूर्व मुख्यमंत्री कमनाथ ने आज ट्वीट कर राज्य में पेट्रोल-डीजल के दामों में हो रही बढ़ोतरी को लेकर शिवराज सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में भी पेट्रोल-डीजल की निरंतर बढ़ रही कीमतों से जनता पर महंगाई की दोहरी मार पड़ रही है.
भोपालः मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आज प्रदेश की शिवराज सरकार को चेतावनी दी है कि अगर पेट्रोल-डीजल पर करों में कमी नहीं की तो कांग्रेस प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगी.
पूर्व मुख्यमंत्री कमनाथ ने आज ट्वीट कर राज्य में पेट्रोल-डीजल के दामों में हो रही बढ़ोतरी को लेकर शिवराज सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में भी पेट्रोल-डीजल की निरंतर बढ़ रही कीमतों से जनता पर महंगाई की दोहरी मार पड़ रही है.
पेट्रोल और डीजल के दाम लगभग बराबर हो गए है
आज 16वें दिन भी पेट्रोल-डीजल महंगा हुआ है. उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल के दाम लगभग बराबर हो गए है. पिछले 16 दिनों के दौरान पेट्रोल 8.30 रुपए और डीजल 9.46 रुपए प्रति लीटर महंगा हुआ है. विपक्ष में मूल्यवृद्धि पर विरोध में साइकिल चलाने वाले आज मौन होकर गायब है. आज अवसर राहत प्रदान करने का है लेकिन जनता को राहत प्रदान नहीं की जा रही है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार व राज्य सरकार इस संकट काल में तत्काल पेट्रोल- पर करो में कमी कर जनता को राहत प्रदान करे. इस मांग को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगी. इस पर भाजपा के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस को दोहरी बातें नहीं करना चाहिए.
प्रदेश कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में पेट्रोल पर 5 रुपए और डीजल पर 3 रुपए कर कम करने की बात कहीं थी पर एक पैसा भी कम नहीं किया गया था. पेट्रोल और डीजल के दाम सरकारें नहीं कपनियां बढ़ाती-घटाती है. ऐसे में कांग्रेस किस मुंह से विरोध करेगी.
विधानसभा सत्र को लेकर कांग्रेस ने जताई आपत्ति
राज्य विधानसभा के पावस सत्र के आहूत किए जाने को लेकर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है. कांग्रेस ने कहा है कि सरकार ने राज्यपाल से सत्र आहूत करने की अनुमति कब ली. क्या राज्यपाल के अस्वस्थ होने से पहले ही यह अनुमति ले ली गई थी?
सरकार द्वारा विधानसभा पावस सत्र 20 जुलाई से बुलाया गया है. सत्र को लेकर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है. नेता के के मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश की की पंद्रहवीं विधानसभा का पांच दिवसीय पावस सत्र आगामी 20-24 जुलाई तक आहूत किया गया है, जब राज्यपाल लखनऊ में वेंटिलेटर पर हैं, तब इसकी अनुमति किसने दी? क्या उनके अस्वस्थ्य होने है पहले ही यह अनुमति प्राप्त कर ली गई थी?
गौरतलब है कि विधानसभा की ओर से शनिवार को राज्य विधानसभा के 5 दिवसीय सत्र 20 जुलाई से शुरु होने की सूचना जारी की गई है. विधानसभा के प्रमुख सचिव ए पी सिंह ने बताया कि इस संबंध में राज्यपाल के अनुमोदन के बाद शनिवार को अधिसूचना जारी कर दी गई है.
उन्होंने कहा कि यह सत्र 20 जुलाई से 24 जुलाई तक होगा. सिंह ने बताया कि इस पांच दिवसीय सत्र में सदन की कुल पांच बैठकें होंगी, जिसमें महत्वपूर्ण शासकीय विधि विषयक एवं वित्तीय कार्य संपादित किये जाएंगे.