भोपालः मध्य प्रदेश में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के बीच राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण के तत्काल बाद विश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने के निर्देश दिए हैं।
इस बीच, फ्लोर टेस्ट से पहले भोपाल जिला प्रशासन ने राज्य की राजधानी के कई हिस्सों में CrPC की धारा 144 के तहत सार्वजनिक स्थानों पर पांच या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी है। यह प्रतिबंध 16 मार्च से 13 अप्रैल तक होगा। मध्य प्रदेश विधानसभा स्पीकर एनपी प्रजापति ने कहा कि आज तीसरा दिन है, मैंने नोटिस दिए गए विधायकों का इंतजार किया। मैं उन 9 विधायकों का इंतजार कर रहा था, जिन्होंने किसी माध्यम से मुझे इस्तीफे पहुंचाए थे। लेकिन सीधे संपर्क किसी ने नहीं किया।
खबर है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस के 16 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा कि जैसे आपने 6 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार किए हैं वैसे ही हमारे इस्तीफे भी स्वीकार करें। जजपाल सिंह जज्जी, बृजेंद्र सिंह यादव, रणबीर सिंह जाटव, कमलेश जाटव, गिर्राज दण्डोतिया, मनोज चौधरी, ओ.पी.एस. भदौरिया, रक्षा संतराम सरौनिया, सुरेश धाकड़, राज्यवर्धन सिंह प्रेमसिंह, बिसाहूलाल सिंह, हरदीप सिंह डंग,जसमंत सिंह जाटव, मुन्नालाल गोयल, रघुराज सिंह कंषाना और ऐदल सिंह कंसाना शामिल हैं।
MP की राजनीतिक स्थिति पर BJP नेता गोपाल भार्गव ने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं क्या संसद या किसी विधानसभा की कार्रवाई कोरोना या किसी चीज़ के कारण रोकी है?ये सिर्फ अल्पमत सरकार को कुछ समय के लिए बचाने की कोशिश है।परन्तु अब इस सरकार को कोई नहीं बचा सकता क्योंकि वोटों में बहुत लंबा अंतर है।
कमलनाख सरकार के मंत्री पी.सी. शर्मा ने कहा कि हमारे विधायकों का अपहरण किया गया है, उनके मोबाइल फोन ले लिए गए हैं, उनको बात नहीं करने दे रहे। निश्चित तौर पर जिस तरह से उनके (कांग्रेस विधायक) चहरे दिख रहे हैं वीडियो में, जिस तरह से वे परेशान हैं। लग रहा है उनपर तंत्र-मंत्र किया गया है। आज तक प्रजातंत्र में ऐसा नहीं हुआ।
कांग्रेस के हरीश रावत ने कहा कि मध्य प्रदेश की जनता का आर्शीवाद हमारे साथ है। लोग स्थिरता के पक्ष में हैं, विधायक भी स्थिरता के पक्ष में हैं। हम फ्लोर टेस्ट नहीं टालना चाहते, लेकिन फ्लोर टेस्ट जो विधानसभा की नियमावली होती है उससे चलता है।
मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मध्य प्रदेश मंत्री और निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल ने कहा कि हमारे पास पूरा नम्बर है। हमारे CM को पूरा विश्वास है। ' वेट एंड वॉच'। कल परीक्षा होगी कोई जरूरी नहीं है अभी तो कोरोना चल रहा है।
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान गुरुग्राम के ITC ग्रैंड भारत होटल पहुंचे, जहां मध्य प्रदेश के बीजेपी विधायक ठहरे किए। भाजपा नेता नरेंद्र सिंह तोमर, शिवराज सिंह चौहान, धर्मेंद्र प्रधान और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से उनके आवास पर मुलाकात की।
मध्य प्रदेश विधानसभा की दलीय स्थिति और बहुमत के लिए आवश्यक सदस्य संख्या
कुल सीटः 230
खाली सीटः 2
13 मार्च तक संख्या बलकांग्रेस: 114भाजपा: 107बसपा: 2सपा: 1निर्दलीय: 414 मार्च के बाद संख्या बलकांग्रेस: 108 (22 विधायकों ने विद्रोह किया) अब बचे 92 विधायकभाजपा: 107बसपा: 2सपा: 1निर्दलीय: 4(अब बहुमत के लिए 112 संख्या बल चाहिए)
मध्य प्रदेश में 16 मार्च को होगा विश्वास प्रस्ताव पर मतदान: राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को दिए निर्देश
राजभवन सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल ने पत्र भेजकर शनिवार मध्यरात्रि के आसपास कमलनाथ को ये निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि टंडन ने निर्देश दिए हैं, ''मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र 16 मार्च 2020 को प्रातः 11 बजे प्रारंभ होगा और राज्यपाल के अभिभाषण के तत्काल बाद एकमात्र कार्य विश्वास प्रस्ताव पर मतदान होगा।''
इसके अलावा, राज्यपाल ने निर्देश दिए हैं, ''विश्वासमत मतविभाजन के आधार पर बटन दबाकर ही होगा और अन्य किसी तरीके से नहीं किया जाएगा।'' उन्होंने कहा है कि विश्वासमत की संपूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी विधानसभा स्वतंत्र व्यक्तियों से कराएगी। राज्यपाल ने कहा है कि उपरोक्त संपूर्ण कार्यवाही हर हाल में 16 मार्च 2020 को प्रारम्भ होगी और यह स्थगित, विलंबित या निलंबित नहीं की जाएगी। राज्यपाल ने ये निर्देश संविधान के अनुच्छेद 174 सहपठित 175 (2) एवं अपनी अन्य संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए दिए हैं।
उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने इस पत्र में यह भी कहा, ‘‘मुझे सूचना मिली है कि मध्यप्रदेश विधानसभा के 22 विधायकों ने अपना त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष को प्रेषित किया है। मुझे भी इन विधायकों ने पृथक-पृथक त्यागपत्र 10 मार्च को भेजे हैं और इन्हीं विधायकों ने अपने-अपने पत्र 13 मार्च द्वारा विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पेश होने के दौरान सुरक्षा प्रदान करने का अनुरोध किया है। 22 में से छह विधायक जो आपकी सरकार में मंत्री थे, जिन्हें आपकी अनुशंसा पर मंत्री पद से हटाया गया था, उनका त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष ने शनिवार को स्वीकार कर लिया।’’
राज्यपाल ने कहा है, ‘‘मुझे प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि आपकी सरकार ने सदन का विश्वास खो दिया है और आपकी सरकार अल्पमत में है। यह स्थिति अत्यंत गंभीर है। इसलिए संवैधानिक रुप से अनिवार्य एवं प्रजातांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए आवश्यक हो गया है कि 16 मार्च को मेरे अभिभाषण के तत्काल पश्चात आप विधानसभा में विश्वासमत हासिल करें।’’ उल्लेखनीय है कि ‘‘कांग्रेस की उपेक्षा से परेशान होकर’’ ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और वह बुधवार को भाजपा में शामिल हो गये।
उनके साथ ही मध्य प्रदेश के छह मंत्रियों सहित 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिनमें से अधिकांश उनके कट्टर समर्थक हैं। इन 22 विधायकों में से 19 बेंगलुरु में एक रिसॉर्ट में है, जबकि तीन विधायकों का अब तक कोई पता-ठिकाना नहीं है। इससे प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है।