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मध्य प्रदेश चुनाव 2018: कांग्रेस के चुनाव प्रचार की राह में बड़ा रोड़ा लटका सकता है 'सीएम कैंडिडेट'

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: July 2, 2018 16:00 IST

साल 2013 के विधानसभा चुनावों की बात की जाए तो बीजेपी 44.88 %, कांग्रेस 36.38 % के बाद तीसरे स्थान पर 7% वोट के साथ बहुजन समाज पार्टी थी।

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- विभव देव शुक्ला

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कुछ महीने रह गए हैं ऐसे में भारतीय जनता पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर तैयारियों का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। राज्य में इन दो दलों के अलावा जनता के पास और कोई मज़बूत विकल्प भी नहीं है। साल 2013 के विधानसभा चुनावों की बात की जाए तो बीजेपी 44.88 %, कांग्रेस 36.38 % के बाद तीसरे स्थान पर 7% वोट के साथ बहुजन समाज पार्टी थी।

2019 के लिए भले कांग्रेस महागठबंधन तैयार करने में जोर शोर से लगी है। इसके बावजूद एक समस्या ऐसी है जो कांग्रेस के चुनावी रथ में बड़ा रोड़ा बन सकती है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस का मुख्यमंत्री पद का दावेदार! राज्य के चुनावों की एकतरफा ज़िम्मेदारी जब पार्टी के दिग्गज नेता कमलनाथ को सौंपी गई और उनकी पहली चुनावी रैली हुई तो पार्टी के ही तमाम नेताओं को ऐसा लगा कि मुख्यमंत्री पद का चेहरा कमलना‌थ ही हैं।

लेकिन चुनाव में हालात इतने सरल कम ही होते हैं और जब सरल नज़र आते हैं तो समझ लीजिए कुछ तो अभी भी छिपा है। अब इस बात को मध्य प्रदेश कांग्रेस के कुछ दिग्गज नेताओं के बयान से जोड़ कर देखिए “सही वक्त आने पर मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार घोषणा हो जाएगी”, हम समय रहते अपने मुख्यमंत्री का चुनाव कर लेंगे, मुख्यमंत्री कांग्रेस से ही होगा, वक्त आने दीजिए। चुनावी दौर शुरू होने के तुरंत बाद कमलनाथ जब राज्य की राजधानी में पहली बार आये तो कांग्रेस के ऊपर से नीचे तक के कार्यकर्ताओं का उत्साह देखने लायक था। पार्टी के युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित कई बड़े नेता उन्हें एयरपोर्ट लेने गए और वहीं से उनकी पहली चुनावी रैली का आगाज़ हुआ। उनके रास्ते में पड़ने वाले हर कोने, दीवार, खम्भे, पेड़, कार्यकर्ता तख्तियों और पोस्टरों से लदे हुए थे।

कांग्रेस के दिग्गजों को इसका आभास है कि यह चुनाव भी उनके लिए आसान नहीं होंगे शायद इसलिए कांग्रेस की चुनावी तैयारियाँ बीजेपी से कहीं पहले शुरू हो चुकी हैं। बड़ा प्रश्न फिर भी बचा रह जाता है? मुख्यमंत्री पद का दावेदार कौन? कमलना‌थ के अलावा मध्य प्रदेश कांग्रेस में दूसरा बड़ा चेहरा सिंधिया हैं और अभी तक की लगभग सारी चुनावी सभाओं और प्रचार में नज़र आये हैं। ऐसे में पार्टी और जनता के मन में सिंधिया के नाम का विचार गलत नहीं हो सकता।

'मध्य प्रदेश में कांग्रेस का चुनावी चेहरा सही समय पर किया जाएगा घोषित'

वही दूसरी ओर प्रदेश में बीजेपी के लिए एंटी इन्कम्बंसी का माहौल है जिसका सीधा फायदा कांग्रेस को मिल सकता है। चुनावी चेहरे के रूप में बीजेपी के तीन कार्यकाल पूरा कर चुके वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज चौहान हैं लेकिन उनके लिए भी चुनौतियां अनेक हैं। किसान और महिला अपराध जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सरकार बैकफुट पर ही नज़र आई है। अब यह आने वाला समय ही बताएगा कि वर्तमान सरकार ऐसी चुनौतियों से कैसे निपटेगी? अगर समय रहते बीजेपी भी ज़रूरी मुद्दों पर ठोस नीतियाँ नहीं लागू करती तब उसके लिए भी चुनाव मुश्किल ही होंगे।

(विभव देव शुक्ला लोकमत न्यूज में इंटर्न हैं)

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