पुरी लोकसभा सीट: चुनावी अखाड़े में तीन पार्टी प्रवक्ता, संबित पात्रा और पिनाकी मिश्र में सीधी टक्कर
By सतीश कुमार सिंह | Published: April 9, 2019 03:07 PM2019-04-09T15:07:32+5:302019-04-09T15:34:25+5:30
लोकसभा चुनाव 2019: ओडिशा की पुरी लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में 23 अप्रैल को मतदान होना है। बीजेपी, कांग्रेस और बीजद तीनों ने इस सीट पर अपने-अपने पार्टी प्रवक्ताओं को उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी के संबित पात्रा पहली बार इस सीट से किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं बीजद के पिनाकी मिश्र 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से जीत हासिल कर चुके हैं।
ओडिशा का पुरी भारत के चार पवित्रतम स्थानों में एक माना जाता है। पुरी को भगवान जगन्नाथ की भूमि कहा जाता है। पुराणों में जगन्नाथ पुरी को धरती का बैकुंठ कहा गया है। यहां पर समुद्र इस शहर के पांव धोता है। इस शहर के बारे में कहावत है कि यदि कोई शख्स यहां तीन दिन और तीन रात ठहर जाए तो वह जीवन-मरण के चक्कर से मुक्ति पा लेता है।
यह भगवान जगन्नाथ (संपूर्ण विश्व के भगवान), सुभद्रा और बलभद्र की नगरी है। इस बार यह शहर रथयात्रा के लिए नहीं लोकसभा चुनाव के कारण चर्चा में है। लोकसभा चुनाव को लेकर यहां दंगल शुरू हो गया है। यहां पर तीसरे चरण में चुनाव में है। इस बार चर्चा का कारण है, यहां पर तीन प्रमुख दलों के प्रवक्ता चुनाव लड़ रहे हैं। पुरी से इस बार भाजपा, कांग्रेस और बीजद के प्रवक्ताओं के बीच एक दिलचस्प चुनावी लड़ाई का गवाह बनने वाला है।
भाजपा ने अपने तेज- तर्रार प्रवक्ता संबित्र पात्रा को प्रत्याशी बनाया है। वहीं मौजूदा सांसद और बीजद के प्रत्याशी पिनाकी मिश्र के अलावा कांग्रेस के पत्रकार से राजनेता बने सत्य प्रकाश नायक भी चुनावी जंग में उतर चुके हैं। ये तीनों प्रत्याशी अपनी-अपनी पार्टी के प्रवक्ता हैं। अब देखना यह दिलचस्प है कि कौन डिबेट ही करते रह जाएंगे या कौन संसद में पहुंच कर लोकसभा में प्रश्न का उत्तर देंगे।
डॉक्टर बनाम वकील बनाम पत्रकार
संबित्र पात्रा पेशे से सर्जन और दिल्ली के हिंदू राव अस्पताल में चिकित्सा अधिकारी रह चुके हैं। 2011 में भाजपा में शामिल हुए। 2014 में भाजपा में उन्हें राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया था। पात्रा हमेशा टीवी डिबेट में अपने जोरदार तर्क से विपक्ष के नेताओं का मुंह बंद कराते देखे जाते हैं। पात्रा अक्सर भगवतगीता के श्लोकों का उच्चारण करते हैं। तब वह गले में स्टेथोस्कोप डालकर प्रचार किया करते थे और सिर्फ विकास के मुद्दे को प्रचार में शामिल करते थे।
वकील से राजनेता बने पिनाकी मिश्र बीजद के उम्मीदवार हैं। पिनाकी मिश्र 2009 और 2014 में पुरी से चुनाव जीत चुके हैं। वह फिर से चुनाव जीतना चाहते हैं। पिनाकी ने डीयू के सेंट स्टीफेंस से इतिहास में स्नातक किया। दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री भी ली।
कांग्रेस ने पूर्व विधानसभा स्पीकर और पार्टी अध्यक्ष ब्रज मोहन मोहंती की बेटी सुचरिता मोहंती को इस बार टिकट नहीं दिया है। बल्कि उनकी जगह पत्रकार से राजनेता बने सत्यप्रकाश पर दांव लगाया है। पुरी को पारंपरिक तौर पर राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी बीजद का गढ़ माना जाता है।
पिछले ढाई दशकों से लगातार पुरी की सीट पर बीजद का कब्जा रहा है। देखा जाए तो अब तक हुए कुल 16 लोकसभा चुनावों में कांग्रेस छह बार, बीजद पांच बार, जनता दल दो बार और जनता पार्टी, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी व सीपीआई ने एक-एक बार इस सीट से जीत दर्ज की है।
पुरी में 96 फीसदी हिंदू आबादी...
पुरी में 96 फीसदी हिंदू आबादी है। संबित्र पात्रा ओडिशा से आते हैं। वह ब्राह्मण हैं। साथ ही पुरी सीट ब्राह्मण बाहुल्य है। इस कारण भाजपा ने यह दांव खेला। पहले कहा गया था कि पीएम नरेंद्र मोदी यहां से चुनाव लड़ेंगे। पुरी लोकसभा सीट 1952 के पहले चुनाव से अब तक कभी जनसंघ या बीजेपी के खाते में नहीं रही। धार्मिक नगरी से बीजेपी को बड़ी उम्मीदें हैं और वह इसे पूर्वी भारत में हिंदुत्व की प्रयोगशाला के तौर पर देख रही है।
भारत के चार धामों में एक
पुरी में 12वीं शताब्दी का जगन्नाथ मंदिर है। यह चार धामों में से एक है। पुरी की अर्थव्यवस्था लगभग 80 प्रतिशत तक जगन्नाथ मंदिर पर निर्भर है। हिन्दू नव वर्ष की खुशी में यहां चंदन यात्रा निकाली की जाती है।
रथयात्रा जगन्नाथ मन्दिर से प्रारम्भ होती है व गुंडिचा मन्दिर तक समाप्त होती है। यहां विश्व का सबसे बड़ा समुद्री तट है। पुरी के पुल विश्व में प्रसिद्ध हैं। सबसे प्रसिद्ध कला है सेनडार्ट। रघुराजपुर की चित्रकला भी बहुत प्रसिद्ध है।