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लोकसभा चुनाव 2019: चुनाव नहीं लड़ेंगे, कह कर रजनीकांत ने सियासी समझदारी का परिचय दिया है!

By प्रदीप द्विवेदी | Updated: February 18, 2019 05:20 IST

दक्षिण भारत के सुपरस्टार रजनीकांत आगामी लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे. इस वक्त तमिलनाडु में जो राजनीतिक माहौल है, उसे देखते हुए, यह फैसला- सियासी समझदारी है.

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पिछले लोकसभा चुनाव और इस बार के लोस चुनाव में तमिलनाडु की राजनीति में कई बड़े बदलाव आए हैं. आईएडीएमके की नेता पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता और डीएमके नेता पूर्व मुख्यमंत्री करूणानिधि का निधन हो चुका है, प्रमुख दलांे- एआईएडीएमके और डीएमके में नेतृत्व के झगड़े पड़े हैं, तो दक्षिण के सुपरस्टार कमल हासन और रजनीकांत ने अपनी नई सियासी पारी शुरू कर दी है, मतलब- इस बार लोस चुनावी नतीजों का ऊँट किस करवट बैठेगा, यह किसी को भी नहीं पता है.

ऐसे सियासी माहौल में लोस चुनाव में अपनी सियासी ताकत और लोकप्रियता आजमाना राजनीतिक बुद्धिमानी नहीं हो सकती है. वैसे भी, जयललिता और करूणानिधि के जमाने का सितारायुग समाप्त हो चुका है और सिनेमाई सितारों के प्रति अब वह दीवानगी बची नहीं है, इसीलिए जो सर्वे आ रहे हैं, वे भी बता रहे हैं कि कमल हासन और रजनीकांत की लोस चुनाव में कोई बड़ी उपलब्धियों वाली चमत्कारी भूमिका की संभावना नहीं है.

लोस चुनाव के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि भविष्य में तमिलनाडु की राजनीतिक दिशा क्या रहेगी. इसलिए, इसके बाद रजनीकांत के लिए भी यह निर्णय लेना आसान होगा कि वे विस चुनाव में किस तरह से आगे बढ़ें. वे अकेले चुनाव लड़ें या किसी दल के साथ रहें?

बहरहाल, रजनीकांत ने- ठहरो और देखों, की राजनीति पर फोकस करते हुए अपने सियासी दल द्वारा लोस चुनाव नहीं लड़ने का बयान जारी करके कहा कि- उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव से दूर रहेगी. यही नहीं, वे किसी को भी अपनी तस्वीर या पार्टी के निशान का अपने प्रचार के लिए इस्तेमाल करने की स्वीकृति नहीं देंगे.

रजनीकांत का कहना था कि- मेरी पार्टी लोस चुनाव में किसी भी पार्टी को समर्थन नहीं दे रही है. इसलिए, किसी को मेरी तस्वीर या रजनी मक्कल मंद्रम के नाम वाले झंडे का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा. रजनी फैन क्लब का इस्तेमाल किसी पार्टी के समर्थन, प्रचार आदि के लिए नहीं होना चाहिए.

उल्लेखनीय है कि 68 वर्षीय रजनीकांत ने 31 दिसंबर, 2017 को राजनीतिक पारी का एलान किया था और अपने फैन्स क्लब- रजनी मक्कल मंद्रक, को ही राजनीतिक संगठन के रूप में विस्तार दे दिया. रजनीकांत लोस चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन अपना सियासी नजरिया जरूर जाहिर करते रहेंगे. उनका कहना है कि- तमिलनाडु में जल संकट सबसे बड़ी समस्या है, इसलिए मतदाता उस पार्टी को चुनें जो स्थायी रूप से जल संकट को हल करने के लिए सबसे अच्छी नीति के साथ सामने आये.

टॅग्स :लोकसभा चुनाव
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