मध्यप्रदेश की भोपाल सीट पर पिछले 30 साल से है भाजपा का कब्जा, इस बार बड़ी चुनौती

By ज्ञानेश चौहान | Published: March 14, 2019 04:14 PM2019-03-14T16:14:43+5:302019-03-14T16:14:43+5:30

इस समय भाजपा के आलोक संजर भोपाल के सांसद हैं। पिछले 8 चुनावों में यहां पर सिर्फ भाजपा ने ही अपना परचम लहराया है। लेकिन विधान सभा चुनाव 2018 में भाजपा की हार के बाद यहां पर लोकसभा सीट जीतना एक चुनौती की तरह सामने आ रहा है।

lok sabha election 2019 BJP occupation of Madhya Pradesh Bhopal seat for last 35 years, this time a big challenge | मध्यप्रदेश की भोपाल सीट पर पिछले 30 साल से है भाजपा का कब्जा, इस बार बड़ी चुनौती

इस समय भाजपा के आलोक संजर भोपाल के सांसद हैं

Highlightsभोपाल लोकसभा सीट पर पहली बार साल 1957 में चुनाव हुआ थाभाजपा के दबदबे वाली सीट मानी जाती है भोपाल लोकसभा सीटसाल 1984 के बाद से कांग्रेस इस सीट पर एक भी लोकसभा चुनाव नहीं जीत पाई

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की लोकसभा सीट राज्य की अहम सीटों में से एक है। इस सीट पर पिछले 30 साल से भाजपा का कब्जा है। वर्तमान में भोपाल लोकसभा सीट को भाजपा के दबदबे वाली सीट माना जाता है। आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए इस सीट को बचाना एक बड़ी चुनौती है।

इस समय भाजपा के आलोक संजर भोपाल के सांसद हैं। पिछले 8 चुनावों में यहां पर सिर्फ भाजपा ने ही अपना परचम लहराया है। लेकिन विधान सभा चुनाव 2018 में भाजपा की हार के बाद यहां पर लोकसभा सीट जीतना एक चुनौती की तरह सामने आ रहा है।

पहली बार साल 1957 में चुनाव हुआ था चुनाव

भोपाल लोकसभा सीट पर पहली बार साल 1957 में चुनाव हुआ था। इस समय कांग्रेस की मैमुना सुल्तान ने जीत हासिल की थी। इसके बाद हुए लोकसभा चुनाव में भी मैनुना ही जीती थीं। लेकिन साल 1984 में हुई भोपाल गैस त्रासदी के बाद से कांग्रेस इस सीट पर एक भी लोकसभा चुनाव नहीं जीत पाई। इसके बाद हुए 8 लोकसभा चुनाव में लगातार भाजपा के प्रत्याशी ने ही जीत दर्ज की। 

आखिरी बार 1984 में जीती थी क्रांग्रेस

भोपाल गैस त्रासदी के एक महीने पहले नवंबर 1984 में आखिरी बार इस सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। इस समय कांग्रेस के केएन प्रधान विजयी हुए थे। लेकिन वर्तमान समय में इस सीट पर भाजपा का कब्जा है।

पूर्व राष्ट्रपति रह चुके हैं सांसद

यह सीट इस लिए भी अहम मानी जाती है क्योंकि इस पर पूर्व राष्ट्रपति और राज्य के पूर्व सीएम शंकर दयाल शर्मा भी सांसद रह चुके हैं। उन्होंने 1971 और 1980 के लोकसभा चुनाव में जीत का परचम लहराया था। लेकिन 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में वे भारतीय लोकदल के आरिफ बेग के हाथों हार गए थे।

भाजपा ने 1989 में दर्ज की थी पहली बार जीत

भोपाल लोकसभा सीट पर भाजपा ने साल 1989 में पहली बार जीत दर्ज की थी। इस समय भाजपा सुशील चंद्र वर्मा ने जीत हासिल की थी और उन्होंने लगातार 4 बार यह चुनाव जीता। सुशील चंद्र मध्य प्रदेश के पहले ऐसे सांसद हैं जो लगातार 4 बार चुने गए।

8 विधानसभा सीटों वाला है भोपाल क्षेत्र

भोपाल लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 8 विधानसभा सीटें आती हैं। इन 8 सीटों में भोपाल दक्षिण-पश्चिम, भोपाल उत्तर, भोपाल मध्य, हुजूर, बेरसिया, सीहोर, गोविंदपुरा और नरेला शामिल है। इन सीटों में से 5 पर भाजपा और 3 पर कांग्रेस का कब्जा है।

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