विधि आयोग ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने का ढांचा किया प्रस्तावित
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: April 17, 2018 11:15 PM2018-04-17T23:15:08+5:302018-04-17T23:15:08+5:30
विधि आयोग ने कहा कि जनप्रतिनिधि कानून के कुछ प्रावधानों का संसद में सामान्य बहुमत से संशोधन भी करना होगा।
नई दिल्ली, 17 अप्रैल: विधि आयोग ने मंगलवार को कहा कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए साथ-साथ चुनाव 2019 से शुरू होकर दो चरणों में हो सकता है , बशर्ते संविधान के कम से कम दो प्रावधानों का संशोधन और उसकी बहुसंख्यक राज्यों द्वारा पुष्टि की जाए। विधि आयोग ने कहा कि जनप्रतिनिधि कानून के कुछ प्रावधानों का संसद में सामान्य बहुमत से संशोधन भी करना होगा।
आयोग ने एक साथ चुनाव कराने को लेकर अपने कार्यपत्र को मंगलवार को सार्वजनिक किया। आयोग ने अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने से पहले संवैधानिक विशेषज्ञों , राजनीतिक दलों और अन्य हितधारकों के विचार मांगे हैं। जिनकी रूचि अपने विचार रखने को लेकर है वे उसे आठ मई तक दे सकते हैं। कार्यपत्र के अनुसार साथ साथ चुनाव कराने का दूसरा चरण 2024 में हो सकता है।
इसमें कहा गया है कि बहुसंख्यक पार्टी के नेता को सदन ( लोकसभा या राज्य विधानसभा द्वारा ) प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री चुना जाए जिससे सरकार के साथ ही लोकसभा या विधानसभा की स्थिरता सुनिश्चित हो।
कार्यपत्र में कदम को प्रभावी बनाने के लिए राज्य विधानसभाओं के कार्यकाल को विस्तारित करने के लिए संविधान : लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के कार्यकाल से संबंधित अनुच्छेद 83 (2) और 172 (1) और जनप्रतिनिधि कानून में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है। इसमें सुझाव दिया गया है कि यदि कोई सरकार बीच में गिर जाती है तो नयी सरकार का कार्यकाल बाकी समय के लिए होगा और नये पांच वर्ष के लिए नहीं।