चारा घोटले के एक और मामले में आज लालू प्रसाद यादव समेत 56 दोषियों पर फैसला आना है। साल 1996 में सीबीआई ने कांड संख्या- RC68A/96 के तहत 76 लोगों पर केस दर्ज किया था। 12 दिसंबर 2001 को को लालू समेत 56 आरोपियों पर सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल किया था।
10 जनवरी 2018 को सीबीआई के विशेष न्यायधीश एसएस प्रसाद ने सुनवाई करते हुए फैसले के लिए तारीख निर्धारित की थी। चाईबासा ट्रेजरी से चारा खरीद के नाम पर हुए इस घोटले में, अब तक 14 आरोपियों की मौत हो चुकी है।
साल 1992-93 में पशुपालन विभाग को राज्य सरकार की ओर से चारा खरीदने के लिए 7.10 लाख का आवंटन मिला था। लेकिन फर्जी आवंटन और बिल के आधार पर ट्रेजरी से 33 करोड़ 67 लाख 534 रुपए की निकासी की गई थी।
इस मामले में सीबीआई ने 203 गवाही हुई है। वहीं लालू प्रसाद यादव की तरफ से 17 और बाकी आरोपियों की तरफ से 6 गवाही हुई है।
छह राजनेता जो ट्रायल फेस कर रहे हैं
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र, पूर्व सांसद डॉ. आरके राणा, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, विद्यासागर निषाद और जगदीश शर्मा।
14 आरोपी जिनकी मौत हो चुकी है
चंद्रदेव प्रसाद वर्मा, भोला राम तुफानी, डॉ. रामराज राम, के अरूमुघम, डॉ. एसबी शर्मा, ब्रजभूषण प्रसाद, डॉ. पांडेय सीपी शर्मा, डॉ. दुबराज दोरई, डॉ. जीपी त्रिपाठी, चंद्रशेखर दुबे, डॉ. रंजीत कुमार मिश्रा, एसएन सिन्हा, सकुंतला सिन्हा व राजो सिंह।
तीन आरोपी जो बाद में सरकारी गवाह बने
आरोपी दीपेश चांडक, आरके दास व शैलेश प्रसाद सिंह सरकारी गवाह बन गए। दो आरोपी सुशील कुमार झा और प्रमोद कुमार जायसवाल ने ट्रायल के दौरान दोष स्वीकार कर लिया। इसके बाद दोनों को पहले ही सजा सुना दी गई थी।
पशुपालन विभाग के 6 पदाधिकारी जिन पर मामला दर्ज
केएन झा, केएम प्रसाद, बीएन शर्मा, डॉ. राम प्रकाश राम, डॉ. एमके श्रीवास्तव और डॉ. अर्जुन शर्मा।
इसके अलावा इस घोटाले में 3 आइपीएस अधिकारी, एक कोषागार पदाधिकारी, पशुपालन विभाग के 6 पदाधिकारी और 40 आपूर्तिकर्ता शामिल हैं।
बता दें कि लालू इससे पहले पिछले वर्ष 23 दिसंबर को चारा घोटाले के एक अन्य मामले में देवघर कोषागर से अवैध निकासी में दोषी पाए गए थे और इस वर्ष छह जनवरी को उन्हें साढ़े तीन वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई थी।इससे पहले के चारा घोटाले के मामले में, उन्हें 2013 में दोषी पाया गया था और पांच वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई थी।