किसानों को लेकर संसद में विपक्ष का हंगामा, नहीं हुआ कोई कामकाज, सदन में प्रश्नकाल और शून्यकाल बाधित
By शीलेष शर्मा | Published: February 2, 2021 07:59 PM2021-02-02T19:59:41+5:302021-02-02T20:01:33+5:30
तीन नये कृषि कानूनों पर विपक्ष दलों के आरोपों के बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कहा कि सरकार किसानों से जुड़े मुद्दों पर संसद के अंदर और बाहर चर्चा करने को तैयार है।
नई दिल्लीः किसानों की माँगों को लेकर संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के भारी हंगामे के कारण कोई कार्यवाही नहीं हो सकी। नतीजा सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिये स्थगित करने के लिये आसन को मजबूर होना पड़ा।
आज सुबह जैसे ही राज्य सभा की कार्यवाही शुरू हुयी कांग्रेस सहित लगभग समूचे विपक्ष ने तीनों क़ानूनों को वापस लेने की माँग करते हुये नारे बाज़ी की, हंगामा बढ़ता देख आसन को दो बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी और बाद में पूरे दिन के लिये सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
लोकसभा में भी ऐसा ही दृश्य था ,कांग्रेस नेता अधीर रंजन सहित समूचा विपक्ष स्थगन प्रस्ताव देकर तत्काल किसानों के सवाल पर चर्चा चाहता था लेकिन अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी स्थगन प्रस्तावों को नामंज़ूर करते हुये सदन चलाने की कोशिश की ,परन्तु कांग्रेस तथा विपक्ष के दूसरे सांसद हाथों में तख्तियाँ लेकर अध्यक्ष के आसान के इर्दगिर्द आकर नारेबाज़ी करने लगे।
अध्यक्ष ने पहले 5 बजे तक फिर 7 बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित की। 7 बजे जब पुनः सदन बैठा तब अध्यक्ष ओम बिरला ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा प्रारम्भ कराई ,बंगाल से भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने बोलना शुरू किया लेकिन विपक्षी सांसदों का हंगामा और नारेबाज़ी इतनी अधिक थी कि अध्यक्ष को कल तक के लिये सदन की कार्यवाही स्थगित करने पर मजबूर होना पड़ा।
गौरतलब है कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों से हजारों की संख्या में किसान पिछले करीब दो महीने से विवादास्पद तीन नये कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने की मांग करते हुए प्रदर्शन रहे हैं।
विवादों में घिरे तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी पार्टियों के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही बाधित रही। निचले सदन की बैठक दिन भर के लिये स्थगित कर दी गई। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सदन में प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं चल सका।