कर्नाटक भाजपा सरकार मुश्किल में, मंत्रिमंडल विस्तार के बाद सीएम येदियुरप्पा से नाराज 2 दर्जन से ज्यादा विधायक
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 18, 2020 05:41 PM2020-02-18T17:41:13+5:302020-02-18T17:46:22+5:30
मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से नाराज चल रहे विधायकों ने आगे की रणनीति के लिए मीटिंग का आयोजन किया। ऐसी जानकारी है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता जगदीश शेट्टार के आवास पर हुई। जगदीश शेट्टार येदियुरप्पा सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।
कर्नाटक के भाजपा सरकार में हलचल तेज हो गई है। उपचुनाव में जीत के बाद भले ही मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा सरकार ने विधानसभा में बहुमत को पार कर लिया है। लेकिन मुश्किल कम नहीं हुआ।
कांग्रेस और जनता दल (एस) से भाजपा में आएं विधायक दोबारा चुनाव जीत कर मंत्री तो बन गए लेकिन भाजपा के पुराने विधायकों में असंतोष हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कर्नाटक में करीब 2 दर्जन से अधिक विधायक येदियुरप्पा सरकार से नाराज हैं।
मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से नाराज चल रहे विधायकों ने आगे की रणनीति के लिए मीटिंग का आयोजन किया। ऐसी जानकारी है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता जगदीश शेट्टार के आवास पर हुई। जगदीश शेट्टार येदियुरप्पा सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।
नाराज चल रहे विधायकों ने कहा कि सीएम येदियुरप्पा ने हमें मंत्री नहीं बनाया। जो बागी जीतकर आएं उन्हें मंत्री पद से नवाजा गया। राज्य में येदियुरप्पा तो नाममात्र के सीएम हैं, असली सीएम तो येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र हैं। जो सुपर सीएम की तरह काम कर रहे हैं।
चर्चा है कि जबसे मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ है भाजपा विधायकों में आक्रोश चरम पर है। भाजपा हमेशा ही वंशवाद पर हमला करती रहती है। विधायकों ने एक सुर में कहा कि सीएम के बेटे विजयेंद्र हर मामले में दखल दे रहे हैं।
पिछले हफ्ते मंत्रिमंडल विस्तार के बाद विद्रोह और बढ़ गया, क्योंकि पार्टी के नेताओं को लगा कि केवल "ख़राब" विधायकों को कैबिनेट बर्थ दी गई और मूल या वफादार भाजपा नेताओं को दरकिनार कर दिया गया। बेलगावी जिले के आठ बार के विधायक उमेश कट्टी शामिल हैं, जिन्हें कैबिनेट बर्थ का आश्वासन दिया गया था, लेकिन अंतिम समय में ना कह दिया गया। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार, जो वर्तमान में मंत्रिमंडल में बड़े और मध्यम उद्योग मंत्री हैं, को भी इन गुप्त बैठकों का हिस्सा बताया जाता है।
भाजपा में 75 साल के बाद कोई व्यक्ति पद पर नहीं रह सकता है। सीएम येदियुरप्पा की उम्र 77 साल है। भाजपा के नेता इस चीज को भी मुद्दा बना रहे हैं। सीएम येदियुरप्पा कोई भी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएं हैं।