कर्नाटक में विकास और हिंदुत्व के मुद्दे पर बीजेपी लड़ेगी चुनाव: अमित शाह
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: March 31, 2018 11:16 AM2018-03-31T11:16:21+5:302018-03-31T11:38:43+5:30
कर्नाटक विधान सभा चुनाव 2018: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कर्नाटक के दौरे पर हैं।
बेंगलुरु, 31 मार्च: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को कर्नाटक में कहा कि उनकी पार्टी आगामी विधान सभा चुनाव विकास और हिंदुत्व के मुद्दे पर लड़ेगी। अमित शाह ने लिंगायत समुदाय को अलग धर्म का दर्जा देने की अनुशंसा पर बोलते हुए कहा कि ये बीएस येदियुरप्पा को राज्य का सीएम बनने से रोकने की रणनीति की तहत किया गया है। अमित शाह ने पत्रकारों से कहा, "ये येदियुरप्पा जी को कर्नाटक का सीएम बनने से रोकने की रणनीति है। वो (सिद्धारमैया) लिंगायत वोटों का ध्रुवीकरण करना चाहते हैं लेकिन समुदाय इसे समझता है। बीजेपी चुनाव के बाद अपना रुख साफ करेगी।"
अमित शाह कर्नाटक विधान सभा चुनाव के मद्देनजर कर्नाटक दौरे पर हैं। शाह शनिवार को मीडिया को सम्बोधित कर रहे थे। कर्नाटक में 12 मई को विधान सभा चुनाव के लिए मतदान होगा और नतीजे 15 मई को आएँगे। कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है। राज्य की सिद्धारमैया सरकार ने लिंगायत धर्म को अलग धर्म का दर्जा देने की अनुशंसा की जिस पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को अंतिम फैसला लेना होगा। अमित शाह ने शुक्रवार को सिद्धारमैया के गढ़ माने जाने वाले मैसूर में एक रैली में कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया का वक्त समाप्त होने वाला है।
This is a strategy to stop Yeddyurappa Ji from becoming #Karnataka CM.They (Siddaramaiah govt) want to polarise Lingayat votes but community is aware of it. BJP will make its stance clear after polls: Amit Shah on K'taka approving recommendation of separate religion for #Lingayatpic.twitter.com/krZ38HzNzg
— ANI (@ANI) March 31, 2018
अमित शाह ने यह भी कहा कि यदि उन्हें लगता है कि बीजेपी और आरएसएस के कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा कर भगवा विचारधारा को रोका जा सकता है, तो वह गलत हैं। शाह ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 12 मई को होने वाले विधानसभा चुनावों में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) को पुराने मैसूर क्षेत्र से अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा सदमा लगेगा।
बीजेपी की 'नव शक्ति समावेश' रैली को संबोधित करते हुए शाह ने यहां कहा कि कहा जाता है कि बीजेपी यहां (पुराने मैसूर क्षेत्र में) थोड़ी कमजोर है, लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं का काम देखने के बाद मुझे उम्मीद है कि सिद्दरमैया जी और जेडीएस को इस (पुराने) मैसूर क्षेत्र से अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा सदमा लगेगा। शाह ने पुराने मैसूर क्षेत्र से अपने दौरे की शुरुआत की, जहां पिछले चुनाव में बीजेपी एक भी सीट नहीं जीत सकी थी। अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान शाह मैसूर, चामराजनगर, मांड्या और रामनगर जिलों का दौरा करने वाले हैं। वोक्कालिंगा समुदाय का प्रभाव क्षेत्र माने जाने वाले इन चार जिलों की कुल 26 विधानसभा सीटों में से बीजेपी 2013 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी।
इसके अलावा, यह मुख्यमंत्री सिद्दरमैया का गृह क्षेत्र है। सिद्दरमैया मैसूर के रहने वाले हैं। पुराने मैसूर में मुकाबला मुख्य रूप से कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा की अगुवाई वाली जेडीएस के बीच माना जा रहा है। शाह ने कहा कि जेडीएस नहीं बल्कि बीजेपी में सिद्दरमैया की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकने का माद्दा है, क्योंकि देवगौड़ा की पार्टी तो बस यहां-वहां कुछ सीटें हासिल करेगी। बीजेपी अध्यक्ष ने मैसूर के लोगों से कहा कि वे एक 'कमीशन सरकार' और कर्नाटक को विकास के पथ पर ले जाने वाली सरकार के बीच चुनाव करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में एक रैली में सिद्दरमैया सरकार को 10 फीसदी कमीशन सरकार करार दिया था। शाह ने कहा कि उनकी पार्टी सिद्दरमैया को हटाकर येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री ही नहीं बनाना चाहती, बल्कि ऐसा बदलाव भी लाना चाहती है जिससे कर्नाटक को विकास के पथ पर ले जाया जा सके। इस हफ्ते की शुरूआत में दावणगेरे में अपनी जुबान फिसलने की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने सिद्दरमैया के भ्रष्टाचार का जिक्र करते वक्त अपने संबोधन में गलती कर दी थी, लेकिन राज्य की जनता ऐसी गलती नहीं करेगी, क्योंकि वे सिद्दरमैया के शासन को अच्छी तरह जानते हैं।
उन्होंने कहा कि सिद्दरमैया और राहुल गांधी सिद्दरमैया के भ्रष्टाचार के बारे में बोलते वक्त मुझसे हुई गलती पर काफी खुश थे। मैंने गलती की थी, लेकिन कर्नाटक के लोग ऐसी गलती नहीं करेंगे, क्योंकि वे सिद्दरमैया सरकार को बहुत अच्छी जान गए हैं। दावणगेरे में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सिद्दरमैया सरकार को 'सबसे भ्रष्ट' बताने की कोशिश में उन्होंने येदियुरप्पा सरकार का जिक्र कर दिया था। बहरहाल, बीजेपी सांसद प्रहलाद जोशी की ओर से गलती की तरफ ध्यान दिलाने के बाद शाह ने अपनी गलती सुधार ली थी।