एक SMS से कैराना में थम गई मोदी-योगी की लहर, ढह गया बीजेपी का किला
By राहुल मिश्रा | Published: June 4, 2018 12:38 PM2018-06-04T12:38:49+5:302018-06-04T12:38:49+5:30
विपक्ष ने एकजुट होकर भारतीय जनता पार्टी की लगभग तय मानी जानी वाली इस सीट पर बड़े अंतर से जीत दर्ज़ कर 2019 लोकसभा चुनावों में गठबंधन को नया आयाम दिया।
उत्तर प्रदेश की बहुप्रचलित कैराना लोक सभा सीट पर हुए उपचुनाव में विपक्ष ने एकजुट होकर भारतीय जनता पार्टी को 44,600 वोटों से हरा दिया। इससे पहले यह सीट भाजपा के खेमे के प्रखर और कद्दावर नेता हुकुम सिंह के पास थी लेकिन उनकी मृत्यु के बाद यह सीट खाली हो गई थी। उपचुनाव में राष्ट्रीय लोक दल (RLD), समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस ने चक्रव्यूह रच कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हरा दिया।
कैराना सीट पर मिली करारी शिकस्त के बाद भाजपा खेमे में अंदरूनी बगावती सुर भी देखने को मिले। वहीं सहयोगी दल भी बीजेपी की रणनीति पर सवालिया निशान खड़ा करने लगे। लेकिन विपक्ष की इस जीत में बहुत कम लोगों का ध्यान इस बात की तरफ जा रहा है कि कैराना पर भाजपा की हार से ज्यादा अहम है रालोद(RLD) की जीत और इस जीत में रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी की भूमिका। कैराना उपचुनाव के दौरान जयंत चौधरी फ्रंटफुट पर रहे।
मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया इस सियासी दोस्ती की शुरूआत महज एक मैसेज से हुई। रिपोर्ट्स की मानें तो आरएलडी नेता जयंत चौधरी बताते हैं, “मैंने उन्हें (अखिलेश यादव) सिर्फ एक मैसेज भेजा, एक घंटे के अंदर उन्होंने मुझे कॉल किया। उस एक SMS से हमारी मुलाकात के लिए भूमिका तैयार हो चुकी थी। इसके बाद जो भी हुआ वो हम सभी के सामने है। विपक्ष ने एकजुट होकर भारतीय जनता पार्टी की लगभग तय मानी जानी वाली इस सीट पर बड़े अंतर से जीत दर्ज़ कर 2019 लोकसभा चुनावों में गठबंधन को नया आयाम दिया।