भारत-चीन सीमा पर विवादः कांग्रेस और भाजपा के बीच जंग, राहुल गांधी बोले-क्या चीनी सेना ने भारतीय क्षेत्र में कब्ज़ा किया
By शीलेष शर्मा | Published: June 10, 2020 05:27 PM2020-06-10T17:27:40+5:302020-06-10T17:27:40+5:30
विवाद का बड़ा कारण सरकार द्वारा देश के राजनीतिक दलों को विश्वास में न लेना है। यह भारत के इतिहास में पहला अवसर है जब सरकार अमेरिका ,इज़राइल से तो बात कर रही है लेकिन देश के अंदर राजनीतिक दलों से कोई चर्चा नहीं कर रही है।
नई दिल्लीः चीनी सेना के भारतीय सीमा में घुसपैंठ को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच जंग छिड़ी हुयी है। राहुल लगातार पूछ रहे हैं कि क्या चीनी सेना ने भारतीय क्षेत्र में कब्ज़ा किया है,सरकार और भाजपा ने इसका कोई सीधा जबाब अभी तक नहीं दिया है, बल्कि पलट वार कर राहुल को घेरने की कोशिश शुरू कर दी है।
दरअसल इस विवाद का बड़ा कारण सरकार द्वारा देश के राजनीतिक दलों को विश्वास में न लेना है। यह भारत के इतिहास में पहला अवसर है जब सरकार अमेरिका ,इज़राइल से तो बात कर रही है लेकिन देश के अंदर राजनीतिक दलों से कोई चर्चा नहीं कर रही है।
यह पहली बार हुआ है जब किसी दूसरे मुल्क से सीमाओं को लेकर समस्या खड़ी हुई हो और सरकार ने विपक्षी दलों की बैठक बुला कर उनसे चर्चा न की हो। राजनीतिक दल सरकार के इस रवैये से काफी खफा हैं क्योंकि उनको पता ही नहीं है कि सीमा पर क्या स्थिति है।
सरकार क्या कर रही है और देश को अब तक कितनी सफलता हासिल हुई है। कांग्रेस तो यह भी मान रही है की भारत और चीन के बीच हुई बातचीत के बाद जिस तरह दोनों देशों की सेनाएँ पीछे हटीं, क्या इसका यह अर्थ माना जाए की भारतीय सेनाएं अपने ही सीमा क्षेत्र में पीछे हटीं हैं।
देश के लिए एक खतरनाक संकेत
यदि ऐसा है तो देश के लिए एक खतरनाक संकेत है। इसीलिए राहुल सरकार से बार बार सवाल कर रहे हैं की क्या चीन की सेना ने भारतीय क्षेत्र पर कोई कब्ज़ा किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राहुल के इस सवाल का कोई जवाब तो नहीं दिया लेकिन कांग्रेस के चुनाव चिन्ह हाथ को निशाना बना कर शायराना अंदाज़ में शेर पढ़ डाला।
लेकिन राजनाथ भूल गए की वह ग़ालिब का शेर नहीं मंज़र लखनवी का शेर था। राजनाथ के बाद किरण रिजिजू मैदान में कूदे और उनहोंने भी राहुल पर हमला बोला। लेकिन राहुल ट्वीट पर ट्वीट करते चले गए. राहुल के बिना रुके हमले को देख भाजपा ने तब लद्दाख से पार्टी के सांसद को मैदान में उतार दिया।
भाजपा सांसद नामग्याल ने टिप्पणी की और भारत चीन के इतिहास के पन्नों को खोल डाला यह कहते हुए , "हां, चीन ने भारतीय क्षेत्र पर कब्ज़ा किया है..." इसके बाद उन्होंने उन इलाकों की जानकारी दी, जिन पर उनके दावे के मुताबिक कांग्रेस के शासनकाल में चीन द्वारा कब्ज़ा किया गया था।
उन्होंने बारी बारी से हर घटना को गिनाया ,मसलन कांग्रेस के शासनकाल में 1962 में अक्साई चिन (37,244 वर्ग किलोमीटर), 2008 तक चुमूर इलाके में टिया पांगनाक और चाबजी घाटी (250 मीटर लम्बाई), 2008 में डेमजोक में ज़ोरावर किले को नष्ट किया गया,और 2012 में पीएलए का ऑब्ज़र्विंग प्वाइंट स्थापित किया गया। इसके अलावा सीमेंट से 13 घर बनाकर चीनी , न्यू डेमजोक , कॉलोनी बनाई ,2008-09 में डेमजोक और डूंगती के बीच भारत ने डूम चेली गंवा दिया।
प्रधानमंत्री मोदी पूरी तरह खामोश और सीन से गायब हैं
राहुल ने इस ट्वीट पर पलट वार किया यह कहते हुए चीनी सेना भारत में घुस आयी और लद्दाख में हमारे क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया लेकिन प्रधानमंत्री मोदी पूरी तरह खामोश और सीन से गायब हैं। राहुल के ट्वीट के बाद कांग्रेस के तमाम नेता मैदान में उतर आये,रणदीप सुरजेवाला ने कहा " सवाल पूछो तो सवाल पूछते हैं ,हुकूमत वाले अब जुबान पूछते हैं। कुछ बाजुए ताक़त तो आज़माइये ज़नाब ,हम हिंदुस्तान हैं लाल आँख का अंजाम पूछते हैं। बात यहीं नहीं रुकी
भारत के पूर्व विदेश मंत्री रहे सलमान खुर्शीद ने टिप्पणी की कि लगता है प्रधानमंत्री मोदी को कूटनीति का ज्ञान ही नहीं है। उनका मानना था के चीन के साथ जो घटना क्रम घटा है उससे भारत की स्तिथि कमज़ोर हुई है और यह भारत की बड़ी कूटनीतिक विफलता है।
प्रधानमंत्री मोदी चीन की मानसिकता को पड़ने में पूरी तरह विफल रहे हैं इसीलिए बार बार ऐसी घटनाओं की पुनरावृति हो रही है। केवल कांग्रेस ही नहीं तमाम विपक्षी दल मानते हैं की ऐसे हालातों में मोदी द्वारा राजनैतिक दलों को विश्वास में न लेना एक बड़ी भूल है। समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव जो चीन को लेकर संसद के अंदर और संसद के बाहर चेतावनी देते रहे हैं , ने भी दोहराया की मोदी सरकार चीन के साथ जो रवैया अपना रही है उससे देश की अखंडता को बड़ा खतरा पैदा हो सकता है।