बिहार: IG रैंक के अधिकारी विकास वैभव का आरोप, बोले- लालू-राबड़ी शासनकाल में देखा अपराध
By एस पी सिन्हा | Published: January 25, 2021 04:47 PM2021-01-25T16:47:32+5:302021-01-25T16:50:31+5:30
विकास वैभव ने कहा कि कानून से बड़ा दबंग कोई नहीं है. कानून का राज होना चाहिए. गैंगस्टरों के साथ कड़ाई से ही पेश आना पडता है...
बिहार में 2005 से पहले और बाद की तुलना करते हुए बिहार में आईजी रैंक के अधिकारी विकास वैभव ने लालू-राबड़ी शासनकाल की कलई खोलकर रख दी है.
एक निजी चैनल के साथ अपना अनुभव शेयर करते हुए उन्होंने कहा है कि वह अपने विद्यार्थीकाल के दौरान से बिहार में अपराध को देखते आए हैं. उस दौर में बिहार में पेपर लीक होना और पकडकर जबरन शादी कराना आम था.
उन्होंने बताया कि वो इसपर लगाम लगाना चाहते थे और उससे प्रेरित होकर पुलिस विभाग में आए. लेकिन अब काफी चीजें बदल गई हैं. 15 साल के पहले जो हाल था अब बिहार का वो हाल नहीं है.
विकास वैभव ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा है कि गंगाजल फिल्म में जिस बिहार को दिखाया गया है वो बहुत हद तक सही है. उस समय थानों की हालत कैसी थी? कैसे दवाब आता है और उसके बीच काम करना पडता था? ये उन दिनों की हकीकत रही है. जिसपर काफी रिसर्च करके इस फिल्म को बनाया गया है. उन्होंने गंगाजल फिल्म के बारे में बताया कि इस फिल्म में कुछ चीजें सही दिखाई गई है.
उस दौर में बिहार में कई आपराधिक गैंग्स चलते थे. किसी गैंग का काम पकडना था, किसी का रखना तो किसी का काम पैसा रखना था. उन्होंने कहा कि मैं खुद इन घटनाओं का गवाह रहा हूं. बगहा और पटना में मैने ये पोस्टिंग के दौरान देखा.
किडनैपिंग को इनवेस्टिगेट किया और देखा कि कैसे अपराधियों के चुंगल से छुडाना पडता है. मैने पुलिस के उन संघर्षों को करीब से देखा है. विकास वैभव ने कहा कि मैं कार्रवाई करने में कभी नहीं चूका और कभी ये नहीं सोचा कि सामने वाला कितना प्रभावी है.
उन्होंने बताया है कि बिहार का इतिहास कम भी लिखा गया तो उसके गौरव गाथा को कम नहीं किया जा सका. बिहार ज्ञान की भूमि रही है. उपनिषद मिथिला की भूमि से ही लिखे गए. अनेकों दर्शन यहां से निकले. बौद्ध व जैन दर्शन इसका उदाहरण है. बिहार शौर्य की भूमि रही है.