Highlightsकांग्रेस केवल 1,768 सीटें जीत पायी।भाजपा ने कुल 8,474 सीटों में से 6,110 सीटें जीती हैं।पहले चरण में, भाजपा ने सभी छह नगर निगमों में जीत हासिल की थी।
Gujarat Local Body Election Results 2021: गुजरात में नगर निगम चुनाव के बाद भाजपा ने स्थानीय निकाय चुनाव में बड़ा झटका दिया है। शहर के बाद गांव में कांग्रेस का बुरा हाल है।
2022 में गुजरात में विधानसभा चुनाव है। गुजरात में स्थानीय निकाय चुनाव में कांग्रेस की हार के मद्देनजर पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अमित चावडा और विपक्ष के नेता परेश धानाणी ने मंगलवार को अपने पदों से इस्तीफा दे दिया।
भाजपा ने सभी 31 जिला पंचायतों पर कब्जा कर लिया। कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया। 29 जिला पंचायत में कांग्रेस बेदम रही। जीतने वाले सदस्यों की संख्या दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर सकी। गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा ने सभी 31 जिला पंचायतों, 81 नगरपालिकाओं में से 70 पर जीत हासिल की और वह 231 तालुका पंचायतों में अपनी मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस से बहुत आगे है।
भाजपा ने 8,261 सीटों में से 6,110 सीटें जीत ली हैं
इससे पहले गुजरात में पिछले महीने हुए निकाय चुनावों के पहले चरण में, भाजपा ने सभी छह नगर निगमों में जीत हासिल की थी। दूसरे चरण के चुनावों के लिए मतगणना सुबह 9 बजे शुरू हुई, भाजपा ने 8,261 सीटों में से 6,110 सीटें जीत ली हैं जिसके लिए परिणाम शाम तक राज्य निर्वाचन आयोग ने घोषित किए हैं।
जिला और तालुका पंचायतों और नगरपालिका परिषदों में दूसरे चरण में कुल 8,474 सीटों थीं। 28 फरवरी को चुनाव हुए थे। कांग्रेस केवल 1,768 सीटें जीत पायी और अभी तक केवल तीन नगरपालिकाओं में जीत हासिल कर सकी है। कांग्रेस एक भी जिला पंचायत नहीं जीत सकी लेकिन कुछ तालुका पंचायतों में आगे है।
आम आदमी पार्टी ने 42 सीटों पर जीत हासिल की
आम आदमी पार्टी ने 42 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि निर्दलीय उम्मीदवारों ने अब तक 286 सीटें हासिल की हैं। ऐसे में जब भाजपा भारी जीत की ओर अग्रसर है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि परिणामों से पता चलता है कि गुजरात पार्टी के विकास और सुशासन के एजेंडे के साथ मजबूती से कायम है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘पूरे गुजरात में नगरपालिका, तालुका पंचायत और जिला पंचायत चुनावों के परिणाम एक स्पष्ट संदेश देते हैं - गुजरात भाजपा के विकास और सुशासन के एजेंडे के साथ है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के प्रति अटूट विश्वास और स्नेह के लिए मैं गुजरात के लोगों को नमन करता हूं।’’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दी बधाई
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, ‘‘गुजरात के ग्रामीण इलाकों में लोगों और किसानों ने भाजपा को विजयी बनाया और गुजरात में स्थानीय निकाय चुनावों में सरकार की कल्याणकारी नीतियों पर विश्वास की मुहर लगाई।’’ शाह ने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल और प्रदेश भाजपा प्रमुख सी आर पाटिल के साथ-साथ पार्टी कार्यकर्ताओं को भी "शानदार जीत" के लिए बधाई।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं जनता को नमन करता हूं।’’ राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा कि 8,474 सीटों में से 237 सीटों पर उम्मीदवार निर्विरोध रहे। नगर पालिकाओं चुनाव में मतदान प्रतिशत 59.05, जिला पंचायतों के लिए 66.67 प्रतिशत और तालुका पंचायतों के लिए 66.86 प्रतिशत रहा। तालुका पंचायतों में दो सीटों और नगरपालिकाओं में 24 सीटों के लिए उपचुनाव भी हुए। भाजपा ने उन सभी छह नगर निगम में जीत दर्ज की थी जिसके लिए चुनाव पहले चरण में 21 फरवरी को हुए थे।
भाजपा का गढ़ है, और यह भाजपा का गढ़ रहेगा
मुख्यमंत्री रूपाणी ने पार्टी की ‘‘अभूतपूर्व’’ जीत का स्वागत करते हुए कहा कि भाजपा ने पूरे राज्य में जीत हासिल की है, चाहे वह आदिवासी क्षेत्र हो, सौराष्ट्र या मध्य, उत्तर या दक्षिण गुजरात में हो, जबकि कांग्रेस का लगभग सफाया हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘चुनावों के परिणामों ने साबित कर दिया है कि गुजरात भाजपा का गढ़ था ... यह भाजपा का गढ़ है, और यह भाजपा का गढ़ रहेगा।’’
आप के प्रदर्शन पर, रुपाणी ने कहा कि हजारों सीटों में से कुछ जीतना कोई मायने नहीं रखता। उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी से अधिक सीटें जीती हैं।’’ 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले रूपाणी के लिए स्थानीय निकाय चुनावों के परिणाम एक प्रोत्साहन के रूप में आये हैं।
2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन के बाद उनके नेतृत्व पर सवाल उठाए गए थे। प्रदेश भाजपा प्रमुख पाटिल ने कहा कि लोगों ने 2015 के स्थानीय निकाय चुनावों में भी पार्टी को इतनी सीटें नहीं दी थीं, ‘‘लेकिन 2021 में लोगों ने अपने प्यार को ब्याज के साथ लौटा दिया है।’’
गुजरात निकाय चुनाव : हारने वालों में कांग्रेस विधायक और विधायक पुत्र भी शामिल
गुजरात में हुए स्थानीय निकाय चुनाव में एक ओर भाजपा को जीत मिली है। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस के खेमे में हारने वालो में एक मौजूदा विधायक एवं सात विधायकों के बेटे भी शामिल हैं। राज्य में 28 फरवरी को हुए मतदान के बाद 81 नगर पालिकाओं, 31 जिला पंचायतों एवं 231 तालुका पंचायतों में मतगणना जारी है।
इस चुनाव में सबसे बड़ा झटका आनंद जिले के पेटलाड से तीन बार के कांग्रेस विधायक निरंजन पटेल को लगा है जिन्हें पेटलाड नगरपालिका के वार्ड संख्या दो और पांच से हार मिली है। उनके बेटे सौरभ पटेल को भी इसी नगरपालिका में भाजपा से हार मिली है। आनंद के सोजित्रा से कांग्रेस विधायक पूनमभाई परमार के बेटे विजय परमार को भी भाजपा उम्मीदवार से तारापुर तालुका पंचायत के मोराज सीट से हार मिली है जबकि उनके भतीजे निकुंज परमार को भी हार का सामना करना पड़ा है।
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खेडब्रह्मा से कांग्रेस विधायक अश्विन कोतवाल के बेटे यश कोतवाल को भी साबरकांठा के आदिवासी बहुत विजयनगर तालुका पंचायत के चैतरिया से हार मिली है। भिलोडा से कांग्रेस विधायक अनिल जोशियारा के बेटे केवल को भी अरावली जिले के भिलोड़ा तालुका पंचायत के उपसल सीट से हार का स्वाद चखना पड़ा है।
गिर सोमनाथ के उना से छह बार के कांग्रेस विधायक पंजा वंश के बेटे परेश वंश को भी भाजपा के प्रतिद्वंद्वी से राजपाड़ा से हार मिली है। देवभूमि द्वारका के खम्भालिया से कांग्रेस विधायक विक्रम मदम को जिला पंचायत के वडतारा सीट से बेटे करण की हार देखनी पड़ी है जबकि पूर्व गुजरात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अर्जुन मोढ़वाडिया के भाई रामदेव मोढ़वाडिया को पोरबंदर तालुका पंचायत के किंदरखेड़ा सीट से हार का सामना करना पड़ा है।
भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायक छोटे वसावा के बेटे दिलीप वसावा भी भरुच जिले के राजपरदी सीट पर चुनावी परीक्षा उत्तीर्ण करने में असफल रहे। संयोगवश भाजपा ने इस चुनाव में मौजूदा जनप्रतिनिधियों के बेटे-बेटियों को टिकट नहीं देने का फैसला किया था।
(इनपुट एजेंसी)
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