गोवा विधानसभा बजट सत्रः 304 करोड़ की 'बिना टेंडर' परियोजनाओं पर बवाल, विपक्ष का हंगामा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 25, 2025 14:49 IST2025-03-25T14:49:10+5:302025-03-25T14:49:53+5:30

विपक्ष द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों के अनुसार, 76 परियोजनाएं विभिन्न विभागों से संबंधित हैं, जिन्हें बिना तकनीकी मूल्यांकन और पारदर्शिता के सीधे नामांकन के आधार पर आवंटित किया गया।

Goa Assembly Budget Session Opposition creates ruckus over 'no tender' projects worth Rs 304 crore | गोवा विधानसभा बजट सत्रः 304 करोड़ की 'बिना टेंडर' परियोजनाओं पर बवाल, विपक्ष का हंगामा

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Highlightsकैबिनेट ने 76 कार्यों को ₹304.24 करोड़ की लागत से बिना टेंडर और पोस्ट-फैक्टो तरीके से मंजूरी दी।₹10,000 से अधिक के किसी भी कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया अनिवार्य है।

पणजीः गोवा विधानसभा का बजट सत्र 24 मार्च (सोमवार) से शुरू हो गया और 26 मार्च (बुधवार) तक जारी रहेगा। करीब ₹304 करोड़ की सार्वजनिक परियोजनाओं को टेंडर प्रक्रिया के बिना आवंटित किए जाने को लेकर गोवा की राजनीति में तूफान खड़ा हो गया है। कांग्रेस द्वारा पिछले सप्ताह इस कथित घोटाले को उजागर किए जाने के बाद अब यह मामला सोमवार को विधानसभा में गूंज उठा। गोवा फॉरवर्ड पार्टी (GFP) के अध्यक्ष और फातोर्डा विधायक विजय सरदेसाई ने विधानसभा में इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की सरकार पर केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। सरदेसाई ने सदन में कहा, “क्या यही मुख्यमंत्री का गुड गवर्नेंस है? कैबिनेट ने 76 कार्यों को ₹304.24 करोड़ की लागत से बिना टेंडर और पोस्ट-फैक्टो तरीके से मंजूरी दी।

यह CVC के उस स्पष्ट नियम के खिलाफ है जिसमें कहा गया है कि ₹10,000 से अधिक के किसी भी कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया अनिवार्य है।” यह आरोप कांग्रेस के पिछले सप्ताह के उस बयान की पुष्टि करते हैं, जिसमें पार्टी ने सावंत सरकार पर 'चुने हुए ठेकेदारों' को लाभ पहुंचाने और शासन को 'मिनी अडानियों के गिरोह' में बदलने का आरोप लगाया था।

विपक्ष द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों के अनुसार, 76 परियोजनाएं विभिन्न विभागों से संबंधित हैं, जिन्हें बिना तकनीकी मूल्यांकन और पारदर्शिता के सीधे नामांकन के आधार पर आवंटित किया गया। इससे न केवल वित्तीय अनियमितताओं बल्कि गुणवत्ता पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने पिछले सप्ताह इस ₹304 करोड़ के कथित 'बिडिंग स्कैम' की स्वतंत्र जांच की मांग की थी।

अब जबकि यह मामला विधानसभा में औपचारिक रूप से उठ चुका है, विपक्ष ने इसे भाजपा सरकार के खिलाफ बड़े हमले का केंद्र बना दिया है। कांग्रेस और GFP ने सरकार से परियोजना-वार विवरण, लाभार्थियों की सूची और टेंडर प्रक्रिया को दरकिनार करने के पीछे का कारण सार्वजनिक करने की मांग की है। मुख्यमंत्री सावंत की ओर से अब तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विपक्ष के तीखे तेवर सरकार पर जवाबदेही का दबाव बढ़ा रहे हैं।

Web Title: Goa Assembly Budget Session Opposition creates ruckus over 'no tender' projects worth Rs 304 crore

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