भाजपा में शामिल होंगे मेघालय के पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय, पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय से मिले
By भाषा | Published: August 25, 2020 02:25 PM2020-08-25T14:25:45+5:302020-08-25T14:25:45+5:30
रॉय ने कहा कि उन्होंने विजयवर्गीय से मुलाकात की और उनसे कहा कि आगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में प्राथमिकता प्रदेश की तृणमूल कांग्रेस सरकार को हराने की होनी चाहिये। उन्होंने कहा, ‘'आज मैंने कैलाशजी से मुलाकात की और कुछ ही दिनों में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष से मुलाकात करूंगा।'’
कोलकाताः मेघालय के पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय से मुलाकात की और भाजपा में दोबारा शामिल होने की इच्छा जाहिर की।
रॉय ने कहा कि उन्होंने विजयवर्गीय से मुलाकात की और उनसे कहा कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में प्राथमिकता प्रदेश की तृणमूल कांग्रेस सरकार को हराने की होनी चाहिये। उन्होंने कहा, ‘'आज मैंने कैलाशजी से मुलाकात की और कुछ ही दिनों में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष से मुलाकात करूंगा।'’
पश्चिम बंगाल की सक्रिय राजनीति में आने की इच्छा जता चुके मेघालय के पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय ने कहा कि वह अगले कुछ दिनों में भाजपा में दोबारा शामिल होना चाहते हैं। पश्चिम बंगाल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रह चुके रॉय ने पहले कहा था कि वह पार्टी द्वारा दी गई किसी भी जिम्मेदारी को संभालने के लिए तैयार हैं।
शिलांग से कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचे रॉय ने कहा, ‘‘मैं पार्टी में दोबारा शामिल होने के लिए प्रदेश अध्यक्ष (दिलीप घोष) से मिलूंगा। मैं उम्मीद कर रहा हूं कि यह कुछ दिनों में करूंगा।’’
कार्यकाल खत्म होने के बाद अपने गृह राज्य की सक्रिय राजनीति में लौटने की इच्छा व्यक्त की थी
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कुछ महीने शेष रहने के बीच मेघालय के राज्यपाल और पूर्व भाजपा नेता तथागत रॉय ने राज्यपाल के तौर पर कार्यकाल खत्म होने के बाद अपने गृह राज्य की सक्रिय राजनीति में लौटने की इच्छा व्यक्त की थी। पश्चिम बंगाल भाजपा के 74 वर्षीय पूर्व प्रमुख ने भाजपा के प्रदेश नेतृत्व द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों से असहमति जताते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल की जनता को ये बातें रास नहीं आएंगी।
एक वेबिनार (ऑनलाइन संगोष्ठी) के दौरान रॉय ने पश्चिम बंगाल की सक्रिय राजनीति में लौटने की अपनी इच्छा जाहिर की। रॉय ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, "राज्यपाल के तौर पर मेरा कार्यकाल खत्म होने के बाद, मैं सक्रिय राजनीति में लौटना तथा पश्चिम बंगाल की सेवा करना चाहूंगा। मैं अपने राज्य लौटने के बाद, पार्टी से (इस बारे में) बात करूंगा। इसे स्वीकारना या खारिज करना उन पर है।"
रॉय 2002-2006 तक प्रदेश भाजपा के मुखिया थे और 2002-2015 तक भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य थे। उन्हें मई 2015 में त्रिपुरा का राज्यपाल नियुक्त किया गया और अगस्त 2018 में उन्हें मेघालय का राज्यपाल बनाया गया। राज्यपाल के तौर पर उनका कार्यकाल मई में खत्म हो गया लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे बढ़ा दिया गया।
रॉय ने किसी का भी नाम लिए बिना कहा, " पश्चिम बंगाल में गाय हमारी माता है वाली उत्तर भारत की संस्कृति काम नहीं करेगी। गाय के दूध में सोना होता है या गोमूत्र से कोविड-19 का उपचार हो सकता है जैसे बयान भाजपा की पश्चिम बंगाल में मदद नहीं करेंगे। " बहरहाल, भाजपा के प्रदेश प्रमुख दिलीप घोष ने मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। वहीं भगवा दल का एक धड़ा मानता है कि रॉय की टिप्पणी में घोष पर निशाना साधा गया।