कर्नाटक में बाढ़ः हमने आपको वोट दिया लेकिन घर नहीं मिला, हमें कब मिलेगा और कौन देगा, महिला ने पूर्व सीएम सिद्धारमैया से पूछा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 23, 2019 02:45 PM2019-10-23T14:45:51+5:302019-10-23T14:45:51+5:30
कर्नाटक सरकार की कैबिनेट ने मंगलवार को निर्णय लिया है कि मंत्रियों को राहत एवं बचाव कार्य की निगरानी करने के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भेजा जाएगा।
कांग्रेस नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बादामी के पास बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। पिछले कुछ महीनों में कर्नाटक के कुछ क्षेत्र पुनः बाढ़ की चपेट में हैं।
जिसके कारण 12 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य सरकार की कैबिनेट ने मंगलवार को निर्णय लिया है कि मंत्रियों को राहत एवं बचाव कार्य की निगरानी करने के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भेजा जाएगा। इस बीच एक वीडियो वायरल हो रहा है। बादामी में बाढ़ प्रभावित गांव की एक महिला ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से बात कर रही है। महिला ने कहा कि हमें बताया गया था कि अगर हम आपको वोट देते हैं, तो हमें एक घर मिलेगा। अब आपको हमारा वोट मिल गया है, लेकिन हमें घर नहीं मिला है। हमें घर कौन देगा?
#WATCH Karnataka: A woman from a flood-affected village in Badami, to Siddaramaiah during his visit to flood-affected areas near Badami: We were told if we vote for you, we'll get a house. Now you've got our vote, but we've not got the house. Who will give us the house? https://t.co/ti4lVju7rupic.twitter.com/LWAVvhVfSJ
— ANI (@ANI) October 23, 2019
कानून एवं विधायी मामलों के कार्यमंत्री जे सी मधुस्वामी ने कहा, “कल से हम मंत्रियों का एक समूह बनाकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाएंगे। अगस्त में सरकार द्वारा जारी राहत सामग्री उन क्षेत्रों में भी प्रदान की जाएगी जो अब बाढ़ से प्रभावित हैं।” पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जहाँ आवश्यक होगा वहाँ राहत केंद्र खोले जाएंगे।
उन्होंने कहा कि मंत्री जिले के उपायुक्तों के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहेंगे और राहत और बचाव का कामकाज देखेंगे। मधुस्वामी ने कहा कि दो से तीन दिन बाद बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लौटकर रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। पिछले कुछ दिनों में हुई मूसलाधार वर्षा से उत्तरी और भीतरी कर्नाटक के हिस्सों में नदियाँ और छोटी धाराएं भी उफान पर हैं जिसके कारण अगस्त में आई बाढ़ की यादें ताजा हो गई हैं।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में धारवाड़, बेलगावी, गदग, हावेरी, विजयपुरा, कलबुर्गी, बागलकोट, शिवमोगा और चिक्कमगलुरु शामिल है जहाँ बाढ़ का पानी घरों और सरकारी दफ्तरों में घुस गया है। मंत्री मधुस्वामी ने कहा, “चूँकि हाल ही में आई बाढ़ के कारण प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री मौजूद है, इसलिए हमें उसकी चिंता नहीं। लेकिन फिर भी हमें 11-12 व्यक्तियों की मृत्यु की सूचना प्राप्त हुई है। हमने जिला प्रशासन से मृतकों के परिजन तक राहत पहुँचाने और किसी की उपेक्षा न हो यह सुनिश्चित करने को कहा है।”
आधिकारिक स्रोत के अनुसार वर्षा और बाढ़ के कारण 12 व्यक्तियों के मरने और 5,444 घर तबाह होने की सूचना है। बेलगावी, बागलकोट, चिक्कमगलुरु, कोडगु, हावेरी, चित्रदुर्ग, गदग और धारवाड़ में कुल 12 राहत कैंप बनाए गए हैं जिनमें 2,176 लोगों ने आश्रय लिया है।
अधिकारियों ने बताया कि बेलगावी में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की दो टीमों के अतिरिक्त राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की भी दो टीमों की तैनाती कर दी गई है। एनडीआरएफ की एक टीम गदग जिले में भी तैनात है।
कर्नाटक के कुल 22 जिलों के 103 तालुक के 2,798 गाँव अगस्त में आई बारिश और बाढ़ से प्रभावित हुए थे जिसमें करीब सात लाख लोगों को विस्थापित होना पड़ा था। इस आपदा में 91 लोगों को अपनी जान गँवानी पड़ी थी और करीब 3,400 मवेशी मर गए थे। केंद्र ने हाल ही में राज्य को 1,200 करोड़ रुपए की अंतरिम राहत प्रदान की थी।