दिल्ली हिंसाः न्याय व्यवस्था को कमजोर करके केन्द्र सरकार क्या संदेश देना चाहती है?
By प्रदीप द्विवेदी | Updated: February 28, 2020 06:07 IST2020-02-28T06:07:16+5:302020-02-28T06:07:16+5:30
सीएम गहलोत का कहना है कि- कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूरी कांग्रेस पार्टी यह देख कर चिंतित है कि देश में नफरत, सांप्रदायिक तनाव का माहौल कैसे बन रहा है.

दिल्ली हिंसाः न्याय व्यवस्था को कमजोर करके केन्द्र सरकार क्या संदेश देना चाहती है?
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र सरकार के दिल्ली हिंसा पर एक्शन और तौर-तरीकों पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा है कि- लोगों का न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है, लेकिन न्याय व्यवस्था को कमजोर करने की सरकार की कोशिशें बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं.
उन्होंने सवाल किया कि जस्टिस मुरलीधर को स्थानांतरित करके क्या संदेश दिया जा रहा है, जिन्होंने दिल्ली हिंसा के दौरान पुलिस की निष्क्रियता और पुलिस के भाजपा नेताओं के खिलाफ अपने घृणा भरे भाषणों के लिए कार्रवाई करने में विफल रहने के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया था.
सीएम गहलोत का कहना है कि- कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूरी कांग्रेस पार्टी यह देख कर चिंतित है कि देश में नफरत, सांप्रदायिक तनाव का माहौल कैसे बन रहा है.
उन्होंने कहा कि गांधी और कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने भारत के राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपकर गहरी चिंता व्यक्त की है, जिसमें नागरिकों का जीवन, स्वतंत्रता और संपत्ति सुरक्षित रखने का जिक्र है.
इससे पहले भी सीएम गहलोत का कहना था कि गृहमंत्री को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि उन्होंने जीवन बचाने और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए कुछ नहीं किया. दिल्ली जल रही थी और हमें गृहमंत्री की ओर से कोई आवश्यक कार्रवाई होती नहीं दिखी.
उनका कहना था कि- दिल्ली में हम जो देख रहे हैं, वह भाजपा नेताओं द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषणों और भड़काऊ बयानों का नतीजा है. उन्होंने जानबूझकर घृणा और भय का एक वातावरण बनाया. सबसे बुरी बात यह है कि अधिकारी मूकदर्शक बने और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कुछ नहीं कर किया. दुर्भाग्य से, केन्द्र सरकार की जनता में विश्वास जगाने में कोई रुचि नहीं है.