Coronavirus Cases: कांग्रेस की प्रदेश इकाई प्रमुखों के साथ सोनिया गांधी की बैठक, जांच केंद्रों की कम संख्या पर चिंता
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 10, 2020 10:03 PM2020-04-10T22:03:56+5:302020-04-10T22:03:56+5:30
सोनिया गांधी के मुताबिक, ‘‘लॉकडाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था पर बहुत ही ज़्यादा भार पड़ने वाला है। पहले से ही अर्थव्यवस्था संकट में थी, अब और मुश्किलें बढ़ेंगी। इन परिस्थितियों के लिए हमें तैयार होना पडे़गा। जनता के दुख में जनता का साथ देना होगा और उनकी परेशानियों को दूर करने का पूरा प्रयास करना होगा। ’’
नई दिल्ली: कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के प्रदेशाध्यक्षों के साथ संवाद कीं। पार्टी सूत्रों के अनुसार सोनिया पार्टी के सभी प्रदेशाध्यक्षों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद की।
कांग्रेस की प्रदेश इकाई प्रमुखों के साथ बैठक में पार्टी अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोविड-19 के लिये जांच केंद्रों की कम संख्या पर चिंता प्रकट की। सोनिया ने कोविड-19 के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों के लिये सार्थक वित्तीय प्रोत्साहन पर जोर दिया।
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को कहा कि लॉकडाउन में गरीबों को सबसे ज्यादा पीड़ा झेलनी पड़ रही है और ऐसे में उम्मीद है कि सरकार मौजूदा चुनौती से निपटने के लिए कोई योजना बनाएगी। उन्होंने विभिन्न राज्यों की प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में यह भी कहा कि देश की अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस संकट का बड़ा असर होगा और इसके लिए हमें अपने आपको तैयार करना चाहिए। पार्टी की ओर से जारी बयान के मुताबिक सोनिया ने कहा, "देश कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए लड़ रहा है। इस लडा़ई में हम पूरी तरह से अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।
आप सब जानते ही हैं कि हर प्रदेश में कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता कई हफ़्तों से देशवासियों की सेवा में लगे हुए हैं। '' उन्होंने कहा, '' लॉकडाउन के चलते जो गरीब मज़दूर अपने-अपने गांव की ओर रवाना हुए, उनकी परेशानियों को दूर करने का काम हमारे कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर किया है। आज भी हर ज़िले के कांग्रेस के सिपाही इस काम में लगे हुए हैं।'''
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, '' मैंने और राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री जी को चिट्ठियां लिख कर कुछ सुझाव भी दिए। हमारी आशा है कि सरकार इस चुनौती का सामना करने के लिए योजना बनाए।'' उन्होंने कहा कि सबसे ज़्यादा पीड़ा और परेशानी ग़रीबों, किसानों और मज़दूरों को हो रही है।