हमें कोरोना के साथ जीना सीखना होगा, सीएम गहलोत बोले-श्रमिकों को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए

By भाषा | Published: May 14, 2020 05:58 PM2020-05-14T17:58:58+5:302020-05-14T18:00:02+5:30

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना वायरस के साथ हमें जीना होगा। यह महामारी जल्दी खत्म नहीं होगा। सभी को मिलकर इसे लड़ना होगा।

Corona virus India lockdown migrant worker rajasthan cm ashok gehlot Quarantine facilitiesvillages top agenda | हमें कोरोना के साथ जीना सीखना होगा, सीएम गहलोत बोले-श्रमिकों को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए

जालौर, पाली, सिरोही, बांसवाड़ा, बाड़मेर सहित वे सभी जिले जहां प्रवासी अधिक आ रहे हैं, जल्द से जल्द जांच सुविधाएं विकसित की जाएं। (file photo)

Highlightsअब यह संक्रमण गांवों में नहीं फैले, इसके लिए पृथक-वास व्यवस्था का सुदृढ़ होना अत्यंत आवश्यक है।गहलोत ने निर्देश दिए कि जांच की जरूरतों को देखते हुए जिला स्तर पर सुविधाओं को और अधिक सुदृढ़ किया जाये।

जयपुरः राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना वायरस संक्रमण महामारी के मद्देनजर पंचायत स्तर तक पृथक-वास की पुख्ता व्यवस्था करने को कहा है ताकि गांवों को इस संक्रमण से बचाया जा सके। उन्होंने जोर दिया कि बाहर से लौट रहे राज्य के श्रमिकों व अन्य लोगों को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ लड़ाई को इसी जज्बे के साथ जारी रखते हुए हमें कोरोना के साथ जीना सीखना होगा। गहलोत मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जिला कलक्टर, जिला व उपखंड स्तरीय अधिकारियों से पृथक-वास व्यवस्था पर चर्चा कर रहे थे।

गहलोत ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण को नियंत्रित करने में जो कामयाबी हमें अभी तक मिली है उसे बरकरार रखने के लिए पृथक-वास व्यवस्था पर विशेष ध्यान देना होगा। अभी तक शहरों में कोरोना वायरस के मामले सामने आ रहे थे और अब यह संक्रमण गांवों में नहीं फैले, इसके लिए पृथक-वास व्यवस्था का सुदृढ़ होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि बाहर से आने वाले प्रवासियों को किसी तरह की असुविधा नहीं हो और साथ ही पृथक-वास में रखे गये लोगों की निगरानी के पुख्ता इंतजाम हों।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले से लेकर पंचायत स्तर तक मौजूद सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को मिलकर पृथक-वास व्यवस्था को ग्राम स्तर तक सुचारू बनाना होगा। इस काम में सांसदों, विधायकों के साथ-साथ सभी शहरी एवं पंचायत जनप्रतिनिधियों की बड़ी भूमिका है।

गहलोत ने निर्देश दिए कि जांच की जरूरतों को देखते हुए जिला स्तर पर सुविधाओं को और अधिक सुदृढ़ किया जाये। जालौर, पाली, सिरोही, बांसवाड़ा, बाड़मेर सहित वे सभी जिले जहां प्रवासी अधिक आ रहे हैं, जल्द से जल्द जांच सुविधाएं विकसित की जाएं।

गहलोत ने कहा कि कोरोना का सामना करने में राजस्थान ने प्रभावशाली तरीके से काम किया है। संक्रमण रोकने के लिए यहां अपनाये गये उपायों की देश-विदेश में खासी प्रशंसा हुई है। स्वास्थ्य सेवाओं का ढांचा मजबूत करते हुए हमें आगे भी इसी जज्बे के साथ लड़ाई जारी रखनी होगी। ‘‘हमें कोरोना के साथ जीना सीखना होगा।’’ 

केन्द्र को गरीब के खाते में नकदी स्थानांतरण करनी चाहिए : गहलोत

 राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र से गरीबों की क्रय शक्ति बढ़ाने के लिए उनके खाते में सीधे नकद हस्तांतरण की मांग की। गहलोत ने कहा कि इससे उद्योग और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि लघु एवं कुटीर उद्योगों को बैंक कर्ज दें।

गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि केन्द्र सरकार ने आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। हमें इसमें उठाये गये कदमों और इसे लागू करने की प्रक्रिया को लेकर प्रतीक्षा करनी चाहिए। इस समय गरीबों, मजदूरों, छोटे दुकानदारों, दहाड़ी मजदूरों के खाते में सीधे नकदी हस्तांतरण करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को गरीब लोगों के खाते में सीधे नकदी हस्तांतरण करने की घोषणा करनी चाहिए और मरनेगा मजदूरों को भी धन दिया जाना चाहिए ताकि उनकी जेब में धन आये और उनकी क्रय शक्ति बढ़ सके। इससे उद्योग और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि बैंक लघु एवं कुटीर उद्योग (एमएसएमई) को ऋण दें, क्योंकि बैंक गारंटी के साथ भी उन्हें कर्ज देना नहीं चाहते हैं। 

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